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प्रेम चोपड़ा अपने करियर के शुरुआत से लेकर अब तक तकरीबन 60 साल से अपनी एक्टिंग से दर्शकों को एंटरटेन करते आ रहे हैं. करियर की शुरुआत में उन्होंने शहीद (1965), उपकार (1967) और तीसरी मंजिल (1966) जैसी फिल्में कीं. इन फिल्मों में उन्होंने बतौर हीरो काम किया था. लेकिन फिल्मी दुनिया में उन्हें असली पहचान विलेन के बनकर ही मिली. उन्होंने बाद में पूरब और पश्चिम (1970), दो रास्ते (1969), कटी पतंग (1970), दो अंजाने (1976), जादू टोना (1977), काला सोना (1975), दोस्ताना (1980), क्रांति (1981) और फूल बने अंगारे (1991) जैसी फिल्मों में विलेन बन खूब नाम कमाया. साल 2016 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया.