News Desk Patna:
बिहार में ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले चार दिनों से प्रदेश के आधे से अधिक हिस्सों में सूरज के दर्शन नहीं होने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। पछुआ हवा के चलते कनकनी और तेज हो गई है, जिससे सुबह और रात के समय ठिठुरन बढ़ गई है। इस बढ़ती ठंड और घने कोहरे का सीधा असर अब स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर भी साफ दिखाई देने लगा है।
राज्य के कई जिलों में स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन स्कूलों को बंद करने या उनके समय में बदलाव करने का निर्णय लिया है। ठंड की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पटना से सटे नालंदा जिले के राजगीर में न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पहाड़ी शहर शिमला से भी कम रहा। वहीं प्रदेश के कम से कम पांच जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है।
कड़ाके की ठंड को देखते हुए शिवहर जिले में सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 23 दिसंबर तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। इसी तरह पूर्णिया, अररिया, सीवान, भोजपुर, गोपालगंज और सीतामढ़ी जिलों में 24 दिसंबर तक सभी स्कूलों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। सारण जिले में 23 दिसंबर तक स्कूलों को बंद किया गया है। गोपालगंज में भी इसी अवधि तक स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।
वहीं कुछ जिलों में स्कूलों को पूरी तरह बंद करने के बजाय उनके संचालन समय में बदलाव किया गया है। मुजफ्फरपुर और पटना जिलों में स्कूलों के समय को आगे बढ़ाया गया है, ताकि बच्चों को सुबह की तेज सर्दी और घने कोहरे से राहत मिल सके और उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
मौसम की स्थिति को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने सोमवार को बिहार के 24 जिलों में घना कोहरा और कोल्ड-डे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। सोमवार की सुबह पटना, सुपौल, दरभंगा, नालंदा, औरंगाबाद और छपरा समेत कई जिलों में घना कोहरा छाया रहा। नालंदा जिले में दृश्यता (विजिबिलिटी) घटकर 20 मीटर से भी कम दर्ज की गई, जिससे सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित हुआ।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आने वाले एक सप्ताह में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक और गिरावट दर्ज की जा सकती है। विभाग ने चेतावनी दी है कि 25 दिसंबर के बाद पूरे बिहार में कोल्ड-डे की स्थिति बन सकती है, जिसके कारण दिन के समय भी तापमान सामान्य से काफी नीचे रह सकता है।
बढ़ती ठंड और कोहरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन से सतर्कता बरतने की अपील की है। बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए फिलहाल स्कूल बंद करने और समय में बदलाव के फैसले को जरूरी और एहतियाती कदम माना जा रहा है।







