पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा कुश्ती संघ (एचडब्ल्यूए) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बहुप्रतीक्षित भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) चुनावों पर रोक लगा दी है. हरियाणा एमेच्योर रेसलिंग एसोसिएशन (HAWA) को चुनाव में वोट डालने की अनुमति देने के फैसले को चुनौती देने वाली HWA की याचिका के बाद, न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज की अध्यक्षता में उच्च न्यायालय ने मामले को 28 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया.
ऐसे दो समूह हैं जो हरियाणा में कुश्ती का सरकारी निकाय होने का दावा करते हैं. डब्ल्यूएफआई के नियमों और संविधान के तहत, कोई भी पंजीकृत संबद्ध निकाय डब्ल्यूएफआई चुनावों में वोट डालने के लिए दो प्रतिनिधियों को भेजने का हकदार है.
– मामले में HOA के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि HAWA एक संबद्ध निकाय नहीं हैं. वहीं HAWA ने दावा किया कि HWA के लिए चुनाव प्रक्रिया में भाग लेना अवैध होगा क्योंकि यह WFI से संबद्ध नहीं है.
आंतरिक उथल पुथल
भाजपा सांसद और डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह, पर कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, इस मामले में फंसे होने की वजह से वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं. इसके साथ ही उन्होंने 12 वर्षों तक महासंघ के प्रमुख के रूप में कार्य किया है, जो कि है राष्ट्रीय खेल संहिता के तहत अधिकतम अवधि है. यौन उत्पीड़न के आरोपों के अलावा सिंह पर कई राज्यों की कुश्ती निकायों ने उन पर आरोप लगाया है कि 12 साल के उनके कार्यकाल में अध्यक्ष रहते हुए WFI से असंबद्ध कर दिया है. श्री सिंह पर प्रॉक्सी के माध्यम से डब्ल्यूएफआई को नियंत्रित करने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया गया है, क्योंकि उनके 18 समर्थकों ने 31 जुलाई को नामांकन दाखिल किया था. उनके पैनल में महासंघ के अध्यक्ष के लिए एक उम्मीदवार, उपाध्यक्ष के लिए छह, कार्यकारी सदस्यों के लिए सात, संयुक्त सचिव के लिए दो उम्मीदवार शामिल हैं। एक महासचिव के लिए और एक कोषाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार शामिल है. डब्ल्यूएफआई को संचालित करने वाले भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अनौपचारिक पैनल ने शुरू में 6 जुलाई को चुनाव निर्धारित किए थे. हालांकि, हरियाणा, तेलंगानाम महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश जैसे पांच राज्यों के असंबद्ध होने के बाद पैनल को 11 जुलाई को चुनाव कराने के लिए मजबूर होना पड़ा. राज्यों ने पैनल से संपर्क किया और दावा किया कि उनकी बर्खास्तगी अनुचित थी.इसके बाद, असम कुश्ती संघ (एडब्ल्यूए) ने डब्ल्यूएफआई चुनावों में भाग लेने का अधिकार मांगा, जिससे गौहाटी उच्च न्यायालय को 11 जुलाई को होने वाले चुनावों पर रोक लगानी पड़ी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कल के घटनाक्रम से पहले गौहाटी हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए 12 अगस्त को चुनाव कराने की इजाजत दे दी थी.
कौन कौन है इस दंगल में
डब्ल्यूएफआई कार्यकारी समिति में 15 स्थानों के लिए 24 उम्मीदवार मैदान में हैं. 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण और उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष और बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह के बीच अध्यक्ष पद को लेकर करीबी मुकाबला है. हरियाणा से होने और राज्य पुलिस में कार्यरत होने के बावजूद, श्योराण ने डब्ल्यूएफआई के लिए ओडिशा इकाई के प्रतिनिधि के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है.जहां संजय सिहं, बृजभूषण के करीबी बताए जा रहे हैं वहीं, श्योराण को भारत के कुछ शीर्ष पहलवानों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट शामिल हैं, यह वहीं पहलवान हैं जिन्होंनें बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था.अगर श्योराण चुनी जाती हैं तो वह डब्ल्यूएफआई की पहली महिला अध्यक्ष होंगी.
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FIRST PUBLISHED : August 12, 2023, 17:36 IST