सुपौल: नववर्ष पर श्रद्धालुओं का सैलाब: बरदराज पेरूमल विष्णुपद मंदिर और बाबा भीमशंकर महादेव मंदिर बने आस्था का केंद्र

न्यूज डेस्क सुपौल:

नववर्ष के शुभ अवसर पर सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड क्षेत्र स्थित दो ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों—बरदराज पेरूमल विष्णुपद मंदिर और बाबा भीमशंकर महादेव मंदिर, धरहरा—में श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी। इन मंदिरों में भगवान विष्णु और भगवान शिव के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचे, जिनकी आस्था और भक्ति ने इस मौके को और भी भव्य बना दिया।

बरदराज पेरूमल विष्णुपद मंदिर का दिव्य आकर्षण

बरदराज पेरूमल विष्णुपद मंदिर, जिसे दक्षिण भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है, ने नववर्ष के अवसर पर एक विशेष भव्यता धारण कर ली। मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए थे। प्रधान पुजारी महावीर स्वामी ने बताया कि इस अवसर पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना और आरती का आयोजन किया गया। साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए विशेष भोग की भी व्यवस्था की गई थी।

सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का तांता लग गया। भक्तों ने भगवान विष्णु की भव्य प्रतिमा के दर्शन किए और विशेष अनुष्ठानों में भाग लिया। मंदिर के आसपास लगे बाजार ने भी पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। फास्ट फूड, पूजा सामग्री, खिलौने और हस्तशिल्प की दुकानों पर भारी भीड़ देखी गई, जिससे स्थानीय व्यवसायियों को काफी लाभ हुआ।

बाबा भीमशंकर महादेव मंदिर: शिवभक्तों का केंद्र

धरहरा स्थित बाबा भीमशंकर महादेव मंदिर में भी नववर्ष पर भक्तों का अभूतपूर्व जमावड़ा देखने को मिला। मंदिर के पुजारी ने बताया कि शिवभक्तों के लिए सुबह 4 बजे ही मंदिर के पट खोल दिए गए थे। श्रद्धालु कतारबद्ध होकर भगवान शिव के जलाभिषेक और दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे।

शिवमंत्र “ॐ नमः शिवाय,” “हर हर महादेव,” और “बोल बम” के जयघोष ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। मंदिर कमिटी के सचिव संजीव यादव ने बताया कि नववर्ष के मौके पर बाबा के शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया गया, जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।

मंदिर परिसर में नवाह पाठ और अष्टयाम कीर्तन का आयोजन भी शुरू हुआ, जो 10 जनवरी तक चलेगा। मंदिर के पास लगे मीना बाजार ने बच्चों और महिलाओं को खासा आकर्षित किया। लोग पूजा सामग्री और अन्य वस्तुओं की खरीदारी करते नजर आए।

आस्था और संस्कृति का संगम

बरदराज पेरूमल विष्णुपद मंदिर और बाबा भीमशंकर महादेव मंदिर ने इस नववर्ष पर आस्था, संस्कृति, और पर्यटन का अनूठा संगम प्रस्तुत किया। इन ऐतिहासिक मंदिरों ने न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं को बल्कि देश-विदेश से आए पर्यटकों को भी मंत्रमुग्ध किया।

मिथिलांचल और बिहार की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में ये मंदिर आस्था और समर्पण का प्रतीक हैं। नववर्ष पर उमड़ी भक्तों की भीड़ ने यह साबित कर दिया कि धार्मिक स्थलों का महत्व सिर्फ पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं, बल्कि ये समाज को एकजुट करने का माध्यम भी हैं।

इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने न केवल भगवान के दर्शन किए, बल्कि इन भव्य स्थलों की स्थापत्य कला और सांस्कृतिक महत्व का भी आनंद लिया। इन दोनों मंदिरों की अद्वितीयता ने बिहार को एक बार फिर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाया है।

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