



न्यूज डेस्क पटना:
पटना स्थित ज्ञान भवन में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक डॉ. दिलीप जायसवाल की अध्यक्षता में होने जा रही है, जो उनके कार्यकाल की पहली कार्यसमिति बैठक होगी। इस बैठक का उद्घाटन देश के रक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह करेंगे।
बैठक सुबह 11:30 बजे उद्घाटन सत्र के साथ शुरू होगी। राजनाथ सिंह इसके लिए बुधवार को ही पूर्वाह्न 11 बजे पटना हवाई अड्डा पहुंचेंगे और सीधे ज्ञान भवन रवाना होंगे। बैठक का मुख्य उद्बोधन भी राजनाथ सिंह ही करेंगे।
विशेष बात यह है कि अभी तक प्रदेश कार्यसमिति की नई घोषणा नहीं की गई है, ऐसे में यह बैठक पूर्व घोषित पुरानी कार्यसमिति के आधार पर ही संचालित होगी। कार्यसमिति में स्थायी सदस्य, विशेष आमंत्रित सदस्य, जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी समेत कई अन्य पदाधिकारी शामिल होते हैं। यह बैठक दो सत्रों में चलेगी और एक दिवसीय होगी।
बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 11 वर्षों में बिहार को मिले लाभों पर भी एक प्रस्ताव लाने की तैयारी की गई है। राजनीतिक दृष्टिकोण से चुनावी रणनीति, संगठनात्मक मजबूती और सामाजिक समीकरणों पर भी व्यापक विमर्श होने की उम्मीद है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, प्रदेश कार्यसमिति की नई घोषणा में देरी का कारण संगठन के अंदर मजबूत दावेदारों के बीच मचे घमासान और वरिष्ठ नेताओं की पसंद-नापसंद को बताया जा रहा है। करीब 11 माह के लंबे इंतजार के बाद प्रदेश पदाधिकारियों की सूची 31 मई को जारी की गई थी, लेकिन कार्यसमिति के साथ-साथ प्रदेश प्रवक्ताओं, मीडिया प्रभारियों, मोर्चा, मंच और प्रकोष्ठ अध्यक्षों के नामों की घोषणा अब तक नहीं हो पाई है।
सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सामाजिक समीकरण का संतुलन साधने का दबाव दिलीप जायसवाल पर है, जिसके चलते विभिन्न स्तरों से प्राप्त नामों की लंबी सूचियों के कारण भी निर्णय में देर हो रही है। केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि चुनावी वर्ष में संगठन के भीतर किसी भी तरह का असंतोष नहीं होना चाहिए, जिससे कार्यसमिति गठन में पूरी सावधानी बरती जा रही है।
डॉ. दिलीप जायसवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि संगठन के सभी वर्गों और गुटों को साधे रखा जाए, ताकि पार्टी एकजुट रहकर विधानसभा चुनाव में उतर सके। इसी कारण वे लगातार प्रयासरत हैं और कार्यसमिति के ऐलान को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।