



न्यूज डेस्क सुपौल:
जिले के नगर पंचायत सिमराही में 11 कुंडीय श्री श्री 108 महारुद्र यज्ञ का भव्य आयोजन होने जा रहा है, जिसको लेकर आज गाजे-बाजे के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई। इस कलश यात्रा में 1100 कन्याओं ने भाग लिया और पूरे नगर में धार्मिक उत्साह का वातावरण बना दिया। यह यात्रा यज्ञ स्थल से प्रारंभ होकर सिमराही बाजार का भ्रमण करते हुए पचास पुल तक गई, जहां पवित्र जल भरा गया। इसके बाद यात्रा पुनः नगर भ्रमण करते हुए यज्ञ स्थल पर वापस पहुंची, जहां वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ कलशों को स्थापित किया गया।

यज्ञ आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि 16 जनवरी से 26 जनवरी 2025 तक इस ऐतिहासिक महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। कहा कि यज्ञ समापन के बाद 28 जनवरी से 3 फरवरी तक पुनः भागवत कथा का भी आयोजन किया जाएगा। वर्षों बाद सिमराही की पावन भूमि पर इस प्रकार के भव्य आयोजन की योजना बनाई गई है। समिति के अनुसार, इस यज्ञ के दौरान 108 मूर्तियों का निर्माण किया गया है और समुद्र मंथन जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आकर्षण रहेंगे।

यज्ञ के शुभारंभ पर आज की कलश यात्रा ने पूरे नगर को एक धार्मिक ऊर्जा से भर दिया। कलश यात्रा के दौरान सैकड़ों श्रद्धालु, भक्तजन और आयोजन समिति के सदस्य उपस्थित रहे। यात्रा में पारंपरिक गाजे-बाजे और भजन-कीर्तन के साथ माहौल बेहद आध्यात्मिक बना रहा।

यज्ञ का प्रमुख कार्यक्रम 17 जनवरी को होगा, जिसमें 11 कुंडीय हवन का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही, 16 जनवरी से 26 जनवरी तक हर दिन भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें प्रवचन, कृष्ण लीला, और समुद्र मंथन जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे। साथ ही, मनोरंजन के लिए मीना बाजार, झूला, सर्कस आदि की व्यवस्था की गई है।

यज्ञ आयोजन समिति ने बताया कि इस महायज्ञ का उद्देश्य समाज में शांति, समृद्धि और भाईचारे का संदेश फैलाना है। पूरे आयोजन के दौरान सैकड़ों श्रद्धालु और भक्तजनों की उपस्थिति की उम्मीद है। यह आयोजन सिमराही क्षेत्र के लोगों के लिए ऐतिहासिक क्षण साबित होगा।
मौके पर कमेटी के अध्यक्ष अशोक साह, सचिव अमित भगत, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र स्वर्णकार, उपाध्यक्ष राधेश्याम भगत, बैद्यनाथ भगत, अशोक प्रचारक, रघुनंदन दास, मनोज यादव, तपेश्वर यादव, बालमुकुंद चौधरी, नरेश नयन झा, रिंकू भगत, मीनू कुशवाहा, हरि प्रसाद दास आदि लोग उपस्थित थे।