न्यूज़ डेस्क पटना:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सोमवार को कैबिनेट की बैठक आहूत की गई, जहां विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री द्वारा आहूत मंत्री परिषद के इस बैठक में कुल 19 एजेंडे पर मुहर लगाई गई। जिसमें खेल विभाग को कला संस्कृति मंत्रालय से अलग कर अलग से खेल विभाग बनाने पर मुहर लगी। इसके अलावा जहां सेविका का मानदेय 5950 से बढ़ाकर सात हजार रुपये तथा सहायिका का मानदेय 2975 से बढ़ाकर चार हजार रुपये किए जाने का फैसला लिया गया, वहीं पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाकर लगभग दोगुना करने का निर्णय लिया गया।
जानकारी देते कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसी के तहत आगामी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को लेकर सरकार ने निर्णय लिया है कि खेल के लिए अलग से विभाग होगा। इसके लिए खेल मंत्रालय और खेल मंत्री को लेकर सरकार द्वारा कल से कार्य शुरू कर दिया जाएगा। ताकि खेल विभाग समुचित तरीके से खिलाड़ियों के प्रतिभा को निखारने में अपना ध्यान केंद्रित कर सके और अधिक से अधिक खिलाड़ियों तथा युवाओं को इसका लाभ मिल सके।
वहीं उक्त बैठक में सेविका का मानदेय 5950 से बढ़ाकर सात हजार रुपये तथा सहायिका का मानदेय 2975 से बढ़ाकर चार हजार रुपये किए जाने का फैसला लिया गया है। बताया कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का मानदेय समाज कल्याण विभाग का केंद्रांश और राज्यांश मिलाकर दिया जाता है। लेकिन बढ़े हुए मानदेय में केंद्र का हिस्सेदारी पूर्व के तरह 38 प्रतिशत ही रहेगा, जबकि राज्य सरकार द्वारा अपनी ओर से बढ़ा हुआ मानदेय देने का निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा सरकार ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों का मासिक मानदेय बढ़ाने का निर्णय लेते हुए मुखिया का मानदेय 2500 से बढ़ाकर 5000, उप मुखिया का मानदेय 1200 से बढ़ाकर 2500, वार्ड सदस्य का मानदेय 500 से बढ़ाकर 800, सरपंच का मानदेय 2500 से 5000, उप सरपंच का मानदेय 1200 से 2500 तथा पंच का मानदेय 500 से बढ़ाकर 800 रुपये करने का निर्णय लिया गया।