न्यूज डेस्क पटना:
बिहार के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को दरभंगा में राज्य के दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का शिलान्यास करेंगे। यह कदम न केवल बिहार के लिए बल्कि पूरे उत्तर भारत के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगा। इस नए AIIMS के साथ, बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा जहां दो AIIMS अस्पताल होंगे, जो राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
दरभंगा में AIIMS शिलान्यास: एक ऐतिहासिक पहल
दरभंगा के शोभन क्षेत्र में इस नए AIIMS का निर्माण होगा। शिलान्यास समारोह के लिए तैयारियां ज़ोरों पर हैं। प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा समूह (SPG) की टीम तैनात की गई है। इस भव्य कार्यक्रम के लिए निर्माण स्थल पर छह हेलीपैड बनाए गए हैं और वहां तक पहुंचने के लिए सात अस्थाई सड़कों का निर्माण भी किया गया है। प्रधानमंत्री के साथ इस समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे। शिलान्यास के बाद एक विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में आम लोगों के जुटने की संभावना है।
भव्य जनसभा की तैयारियां
शिलान्यास के बाद होने वाली जनसभा के लिए तैयारियां भी बड़े पैमाने पर की जा रही हैं। विशाल पंडाल का निर्माण किया जा रहा है जिसमें 50,000 से अधिक कुर्सियां लगाई जा रही हैं। आयोजन स्थल पर एक लाख से अधिक लोगों के लिए पर्याप्त जगह की व्यवस्था की गई है। इस पंडाल में लोगों के बैठने और आयोजन के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं ताकि समारोह के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
दरभंगा में बनने वाला यह AIIMS उत्तर बिहार के लाखों लोगों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, सिक्किम और नेपाल के निवासियों के लिए भी बड़ी राहत लेकर आएगा। इस संस्थान के बन जाने से इन क्षेत्रों के लोगों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी, जो अब तक केवल बड़े शहरों तक सीमित थीं। इससे पहले, बिहार का पहला AIIMS राजधानी पटना में स्थित है, जो राज्य और आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को इलाज प्रदान कर रहा है।
बता दें कि दरभंगा AIIMS के निर्माण के बाद, उत्तर बिहारवासियों को जटिल बीमारियों के इलाज के लिए दूरदराज के क्षेत्रों की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करते हुए भाजपा नगर विधायक संजय सरावगी ने बताया कि दिल्ली के बाद बिहार का यह सबसे बड़ा एम्स दरभंगा में बनने जा रहा है। यह मिथिलांचल के विकास में एक अहम कदम होगा और इस दिन को मिथिलांचल के लिए ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह एम्स मिथिलांचल के लोगों के लिए बड़ी सौगात साबित होगा। संजय सरावगी ने यह भी बताया कि इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल, दोनों उपमुख्यमंत्री और चिराग पासवान सहित कई वरिष्ठ नेता भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि एनडीए (NDA) सरकार मिथिलांचल के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस एम्स का निर्माण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बिहार के दूसरे एम्स का निर्माण शोभन बाईपास पर 1700 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। यह एम्स अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, जिसमें आईसीसीयू (ICU), क्रिटिकल केयर, सर्जरी, मेडिसिन, पीडियाट्रिक और प्रसूति विभाग जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। केंद्र सरकार ने इस एम्स के निर्माण की जिम्मेदारी HSCC कंपनी को दी है और ई-टेंडर के माध्यम से इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह परियोजना मिथिलांचल के लिए एक नई स्वास्थ्य क्रांति लेकर आएगी और यहां के लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराएगी।