बिहार के शिक्षकों को नीतीश सरकार की बड़ी सौगात, ऐच्छिक स्थानांतरण को मिली मंजूरी – अब मिलेंगे तीन जिलों के विकल्प

न्यूज डेस्क पटना:

राज्य के लाखों सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी राहत दी है। लंबे समय से स्थानांतरण (ट्रांसफर) की प्रक्रिया में पारदर्शिता और विकल्प की मांग कर रहे शिक्षकों की मांगों को ध्यान में रखते हुए अब सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) के माध्यम से यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि अब अंतर-जिला स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों को तीन जिलों का विकल्प चुनने की सुविधा दी जाएगी। शिक्षक आवेदन करते समय अपनी पसंद के तीन जिले चुन सकते हैं, और उन्हीं में से किसी एक जिले में उनका तबादला किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिखा:

“शिक्षा विभाग द्वारा हाल में किए गए शिक्षकों के स्थानांतरण के बारे में विभिन्न स्रोतों से सुझाव प्राप्त हो रहे हैं। इसकी समीक्षा के क्रम में मैंने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अंतर जिला स्थानांतरण संबंधी जिन शिक्षकों की भी समस्या है, उनसे तीन जिलों का विकल्प प्राप्त किया जाएगा। उसके बाद उन्हीं जिलों में उनका पदस्थापन किया जाएगा। जिलों के अंदर पदस्थापन का कार्य जिला पदाधिकारी की समिति द्वारा किया जाएगा, ताकि यथासंभव इच्छित प्रखंडों या उनके नजदीक उनका पदस्थापन हो सके।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षक बच्चों के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा,

“मेरा विनम्र आग्रह है कि वे इस बारे में चिंतित न होकर बिहार में बच्चों की शिक्षा के लिए लगनपूर्वक कार्य करें।”

म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए भी खुला ई-पोर्टल

शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए ई-शिक्षा पोर्टल को एक बार फिर से चालू किया है। यह पोर्टल विशेष रूप से उन शिक्षकों के लिए खोला गया है जो पहले की स्थानांतरण प्रक्रिया में किसी कारणवश शामिल नहीं हो सके थे।

इस बार पोर्टल के माध्यम से म्यूचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया को भी अनुमति दी गई है। इसमें दो शिक्षक आपसी सहमति से अपने जिलों का अदला-बदली कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कुछ जरूरी शर्तों का पालन करना होगा और निर्धारित दस्तावेज जमा करने होंगे। विभाग दोनों शिक्षकों के दस्तावेजों की पुष्टि के बाद, एक-दूसरे के जिलों में उनका स्थानांतरण करेगा।

परिवारिक दिक्कतें होंगी दूर

सरकार का यह कदम खासतौर पर उन शिक्षकों के लिए सहायक सिद्ध होगा जो पारिवारिक कारणों से अपने मौजूदा कार्यस्थल पर काम करने में कठिनाई महसूस कर रहे थे। तीन जिलों का विकल्प मिलने से उन्हें अपने घर या गृह जिले के नजदीक पोस्टिंग मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

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