इंडियन कस्टम यार्ड स्टेशन पर किया गया संयुक्त आपदा प्रबंधन अभ्यास, मची रही अफरातफरी

रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया

गुरुवार की सुबह फारबिसगंज, बथनाहा, जोगबनी सहित नेपाल सीमाई इलाकों में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। पूरा इलाका सायरन की आवाज से गूंज उठा। अररिया, फारबिसगंज सहित जोगबनी के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की गाड़ियां तेजी से बथनाहा और फिर बथनाहा से इंडियन कस्टम यार्ड रेलवे स्टेशन की ओर मूव करने लगी। न केवल प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी बल्कि एसएसबी के अधिकारी और जवान समेत रेलवे के अधिकारी, आरपीएफ, जीआरपी, स्वास्थ्य विभाग, एंबुलेंस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर बिग्रेड की टीम समेत स्थानीय लोग भी नए बने इंडियन कस्टम यार्ड की ओर तेजी से जाने लगे। पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। अधिकारियों के प्रस्थान और सायरन की आवाज से  सोशल मीडिया पर बड़े रेल हादसे होने की जानकारी दौड़ने लगी। लेकिन जब मौके पर इंडियन कस्टम यार्ड रेलवे स्टेशन पर भीड़ पहुंची तो पाया कि किसी तरह का कोई रेल हादसा नहीं हुआ बल्कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार मंडल रेलवे द्वारा संयुक्त आपदा प्रबंधन अभ्यास का यह हिस्सा था।

दरअसल लगातार हो रहे रेल हादसे को लेकर आपदा से निबटने के लिए रेलवे प्रशासन की ओर से मॉक ड्रिल किया जा रहा था, जिसमे हादसे के बाद किस तरह हादसे से निबटा जाय, उसका संयुक्त अभ्यास चल रहा था। इंडियन कस्टम यार्ड रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद आम लोगों को जब मॉक ड्रिल होने की जानकारी मिली तो राहत की सांस ली।

मॉकड्रिल में आर्मी एक्सीडेंट रिलीफ टीम, आर्मी एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल इक्विपमेंट, एसएसबी, पुलिस, रेलवे की अलग अलग विभाग की टीम हादसे की जानकारी के साथ मौके पर पहुंचकर बचाव और राहत कार्य में लग गई। दुर्घटनाग्रस्त रेलवे की बोगी के खिड़की को काटा गया, फिर उनसे पैसेंजर को निकालकर एंबुलेंस के माध्यम से मेडिकल कैंप वाले स्थान पर इलाज के लिए मॉकड्रिल किया गया, साथ ही हादसे के समय बचाव और राहत को लेकर वे सभी तकनीक अपनाई गई। जिसके कारण भगदड़ की स्थिति पैदा हो जाती है। हादसे के समय आमजनों की जिम्मेवारी को लेकर उनका भी इस्तेमाल बचाव और राहत कार्य में लगे मॉकड्रिल में किया गया। राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ नौवीं बटालियन पटना की पूरी टीम, जीआरपी, आरपीएफ, एसएसबी, स्थानीय पुलिस प्रशासन को लगाया गया। दिनभर चले बचाव और राहत कार्य के बाद दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन की बोगी को क्रेन की मदद से खड़ा किया गया।

मौके पर एडीआरएम विजय कुमार चौधरी, डीएसओ नरेंद्र मोहन, सीनियर डीओएम अमित कुमार सिंह, एओएम प्रभात कुमार चौबे, सीनियर डीसीएम प्रशांत कुमार, डीएससी कमल सिंह, एसडीएम फारबिसगंज शैलजा पांडेय, एनसीवाई के एसएस नरेंद्र कुमार ठाकुर, विशाल गौरव, मनीष आनंद, फारबिसगंज स्टेशन मास्टर कृष्णा नंदन साह जोगबनी विमल कुमार, पूर्णिया रवि रंजन समेत बड़ी संख्या में अधिकारीगण मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि इसी साल एक जून को भारत और नेपाल के प्रधानमंत्री ने संयुक्त रूप से दिल्ली से भारत नेपाल को जोड़ने वाली बथनाहा विराटनगर रेलखंड में बथनाहा से इंडियन कस्टम यार्ड होते हुए नेपाल कस्टम यार्ड तक चलने वाली कार्गो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।बथनाहा विराटनगर रेलखंड में अभी बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक ही रेलखंड का निर्माण पूरा हुआ है। जबकि नेपाल कस्टम यार्ड से आगे जमीन के अधिग्रहण नहीं होने के कारण विस्तारित करने की योजना पेंच में फंसी है।

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