ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की शोभा में निकला भव्य जुलूस, अमन और भाईचारे का संदेश

News Desk Supaul:

शुक्रवार को रामविशनपुर मदरसा से मुस्लिम समुदाय द्वारा पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन (ईद-ए-मिलाद-उन-नबी) पर निकाला गया जुलूस एक अद्भुत दृश्‍य प्रस्तुत करता रहा। मदरसा से आरंभ होकर यह जुलूस सिमराही, राघोपुर एनएच-106 रोड होते हुए सिमराही बाजार स्थित जेपी चौक पहुंचा जहाँ से पुनः वापस पिपरही रोड होते हुए रामविशनपुर मदरसा पहुंच कर समाप्त हुआ।

इस दौरान मदरसे के सैकड़ों छात्र और छात्राएं, मुस्लिम समुदाय के अनेक स्थानीय लोग और दर्जनों मोटरसाइकिल सवार शामिल रहे। जहां-जहां यह जुलूस गुजरा, वहां “अमन, चैन और भाईचारे” के नारों से माहौल गूंज उठा।

जानकारी देते हुए मदरसे के मौलाना मोहम्मद शकीर हुसैन ने इस अवसर पर कहा कि पैगंबर मोहम्मद ने दुनिया में अमन, इंसानियत और भाईचारे का दीप जला कर कायम किया। उन्होंने बताया कि नबी के आगमन से पहले समाज में बेटियों को जिंदा दफन किया जाता था, लेकिन नबी ने यह घोषित किया कि “बेटी रहमत है, बेटियाँ लक्ष्मी होती हैं।” मौलाना ने यह भी कहा, “नबी के आने से पहले इंसानों का बाजार लगता था—इंसानों को खरीद-फरोख्त किया जाता था—लेकिन नबी ने फरमाया कि इंसान का मान-सम्मान होना चाहिए; यह इंसानों का बाजार नहीं, जानवरों का बाजार था।” उन्होंने बताया कि “पूरी दुनिया में लगभग 4200 मज़हब हैं और नबी ने सभी का सम्मान करने का पैगाम दिया”। मौलाना ने शराब को समाज के लिए हानिकारक बताते हुए कहा कि नबी ने इसे गलत ठहराया और लोगों से आग्रह किया कि इसे त्यागें क्योंकि इससे घर-परिवार बिगड़ते हैं।

सुरक्षा व्यस्था को लेकर राघोपुर थानाध्यक्ष नवीन कुमार, अपर थानाध्यक्ष जैनेंद्र झा सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे।

Leave a Comment