स्व. ललित नारायण मिश्रा की 51वीं पुण्यतिथि: राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि, हत्या पर उठे सवाल

न्यूज डेस्क सुपौल:

भारत सरकार के पूर्व रेल मंत्री स्वर्गीय ललित नारायण मिश्रा की 51वीं बलिदान दिवस पर बिहार के सुपौल जिले के बलुआ गांव में राजकीय सम्मान के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बिहार सरकार के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने कांग्रेस पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में स्वर्गीय ललित नारायण मिश्रा जैसे कद्दावर रेल मंत्री की हत्या हो गई, लेकिन उनकी हत्या का सच आज तक सामने नहीं आ सका।

मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के शासन में अपने ही रेल मंत्री की हत्या की साजिश का न तो पर्दाफाश हो पाया और न ही जांच रिपोर्ट सामने आई।” उन्होंने स्वर्गीय मिश्रा के शब्दों को याद करते हुए कहा कि उन्हें अपनी हत्या का पूर्वाभास था। उन्होंने अपनी अंतिम सार्वजनिक सभा में कहा था, “मैं रहूं या न रहूं, बिहार आगे बढ़ता रहेगा।”

राजकीय सम्मान के साथ आयोजन

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई, जिसके बाद स्वर्गीय ललित नारायण मिश्रा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। जिला प्रशासन की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य व्यक्ति और आम नागरिक उपस्थित थे।

बलिदान दिवस का ऐतिहासिक संदर्भ

स्वर्गीय ललित नारायण मिश्रा की हत्या 3 जनवरी 1975 को समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर एक बम धमाके में हुई थी, जब वे एक सरकारी कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। उनका जन्म 2 फरवरी 1922 को सुपौल जिले के बलुआ बाजार में हुआ था। वे भारत सरकार में विदेश राज्यमंत्री, रक्षा मंत्री और रेल मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे।

स्वर्गीय मिश्रा के बलिदान को याद करते हुए हर वर्ष 3 जनवरी को उनके पैतृक गांव में राजकीय स्तर पर बलिदान दिवस का आयोजन किया जाता है। इस बार भी उनके योगदान और बलिदान को नमन करते हुए कार्यक्रम आयोजित किया गया।

वही इस दौरान स्थानीय लोगो ने कहा कि जहां एक ओर ललित बाबु का पुण्यतिथि मनाया जा रहा है वही दूसरी ओर उनके नाम पर बने ललितग्राम रेलवे स्टेशन का नामोनिशान मिटाया जा रहा है। जहां ललित बाबू ने ललितग्राम के भविष्य को देखते हुए पूर्व में लगभग 70 एकड़ जमीन ललितग्राम रेलवे स्टेशन के लिए अधिग्रहण किया गया क्योकि वे ललितग्राम को विकसित कर पूरे कोसी, सीमांचल एवं मिथलांचल को बेहतर रेल सेवा से जोड़ना चाहते थे। परंतु ललितग्राम में रेलवे का बायपास बनने के बाद शायद ही कोई ट्रेन अब ललितग्राम स्टेशन तक जाएगा।

मौके पर सांसद दिलेश्वर कामेत, जिलाधिकारी कौशल कुमार, पुलिस अधीक्षक शैशव यादव, पूर्व विधायक उदय गोइत सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नेता व पदाधिकारी उपस्थित थे।

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