इस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बना है देश का सबसे बड़ा बम, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी इसकी स्थापना

अनुराग शुक्ला / जबलपुर. संस्कारधानी जबलपुर की इन फैक्ट्रियों का भारतीय सेना से बहुत करीबी रिस्ता है. जब – जब सेना को आवश्यकता पड़ी है तब तब जबलपुर की इन फैक्ट्री ने पूरी सहायता की है. दरअसल जबलपुर को मध्य प्रदेश का रक्षा शहर कहा जाता है, क्योंकि यहां पर चार अलग-अलग तरह की फैक्ट्रियां मौजूद हैं जिनमें भारतीय जल सेना, थल सेना और वायुसेना सभी के लिए हथियार, बुलेट प्रूफ गाड़ियां और विभिन्न तरह के बम बनाए जाते हैं.
इन फैक्ट्री में उच्च गुणवत्ता का माल प्रयोग किया जाता है. भारतीय सेना के जवान इन तमाम हथियारों का प्रयोग कर जंग में दुश्मनों के छक्के छुड़ा देते है.

देश का सबसे बड़ा 500 किलो का GP बम
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में भारतीय सेना के लिए देश का सबसे बड़ा और सबसे विनाशकारी बम तैयार किया गया है. जिसका नाम GP बम है. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में तैयार किए गए इस बम का प्रयोग भारतीय वायु सेना करेगी. 1.9 मीटर लंबे और 500 किलोग्राम के इस जीपी बम को जगुआर या सुखोई Su-30MKI में लगाकर दुश्मनों के बड़े-बड़े बंकरो को चुटकियों में खाक किया जा सकता है. जबलपुर की फैक्ट्री में बारूद वस्त्र, बुलेटप्रूफ वाहन बड़ी मात्रा में तैयार किए जाते हैं और भारतीय सेना को समय-समय पर उपलब्ध कराए जाते हैं.

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी स्थापना
जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की स्थापना 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के समय पड़ोसी देशों के लिए गोला बारूद और हथियार की व्यवस्था को पूरी करने के लिए की गई थी, तत्पश्चात आजादी के बाद 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1965 और 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के लिए जल, थल और वायु सेना के सभी हथियार और बाहरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया का लगातार क्षेेेेत्र विस्तार कराया गया था और जब जब भारतीय सेना को जरूरत पड़ी है तब तब ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया के हथियारों और वाहनों ने भारतीय जवानों के हौसलों को बुलंदी पर पहुंचाया है और हर एक युद्ध में हमारे जवानों ने दुश्मनों को धूल चटाई है.

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