सुपौल: सड़क दुर्घटना में शिक्षिका दंपति की दर्दनाक मौत, बच्चों पर टूटा दुखों का पहाड़, स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश

न्यूज़ डेस्क सुपौल:

बिहार के सुपौल जिले के भीमपुर थाना क्षेत्र में बुधवार की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। सुरसर नदी के पास एनएच 27 मुख्य मार्ग पर एक तेज रफ्तार पिकअप वाहन ने सड़क किनारे खड़े शिक्षिका दंपति को कुचल दिया। इस दुर्घटना में पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।

मृतकों की पहचान भीमपुर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 11 निवासी कृष्ण मोहन चौधरी (पति) और फूल कुमारी (पत्नी) के रूप में हुई है। फूल कुमारी छातापुर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय टेंगरी में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत थीं।

जानकारी के अनुसार, मृतक दंपति अपने बेटे ऋतिक कुमार को त्रिवेणीगंज में आईटीआई परीक्षा के लिए बस पर बैठाने आए थे। बेटे के कुछ आवश्यक दस्तावेज घर में छूट जाने के कारण ऋतिक उन्हें लेने घर चला गया था। इसी दौरान नरपतगंज की ओर से आ रही तेज रफ्तार पिकअप ने सड़क किनारे खड़े कृष्ण मोहन चौधरी और फूल कुमारी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

घटना के बाद हड़कंप और प्रशासन की कार्रवाई

घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए। भीमपुर थाना अध्यक्ष मिथलेश कुमार पांडेय अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतकों को नरपतगंज पीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

प्रदर्शन और सड़क जाम

घटना से गुस्साए स्थानीय निवासियों ने एनएच 27 को बांस-बल्लियों से जाम कर दिया और सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। प्रदर्शनकारियों ने मृतक परिवार को मुआवजा, बेटे को सरकारी नौकरी और दुर्घटना करने वाले वाहन चालक की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।

प्रशासन का हस्तक्षेप और आश्वासन

घटना की सूचना मिलते ही छातापुर बीडीओ डॉ. राकेश कुमार गुप्ता और सीओ राकेश कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने और शांत कराने की कोशिश की। अधिकारियों के आश्वासन के बाद करीब पांच घंटे बाद सड़क जाम हटा।

प्रशासन ने कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत मृतक परिवार को त्वरित सहायता के रूप में 6,000 रुपये प्रदान किए। साथ ही पोस्टमार्टम के बाद प्रत्येक मृतक के लिए 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।

शिक्षा विभाग में शोक की लहर

फूल कुमारी का 2010 में नियोजन हुआ था, और वे पिछले 15 वर्षों से प्रधानाध्यापिका के रूप में कार्यरत थीं। उनकी मृत्यु से शिक्षा विभाग और उनके विद्यालय में शोक की लहर है।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

मृतक दंपति के तीन बच्चे हैं—पुत्र ऋतिक कुमार, जो आईटीआई का छात्र है, बड़ी बेटी प्रीति कुमारी, जो शादीशुदा है, और सबसे छोटी बेटी बेबी कुमारी, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है। माता-पिता की एक साथ मौत से बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। तीनों बच्चे माता-पिता के शव देखकर बिलख-बिलख कर रो रहे थे।

सरकारी नौकरी और मुआवजे का आश्वासन

प्रशासन ने मृतक शिक्षिका के बेटे को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है। बीडीओ ने बताया कि बेटे के पास शिक्षक बनने की योग्यता नहीं होने के कारण उसे परिचारी पद पर नियुक्त किया जाएगा।

दोषी वाहन चालक की तलाश जारी

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दुर्घटना करने वाले पिकअप वाहन की तलाश की जा रही है। प्रशासन ने मृतक परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।

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