



न्यूज डेस्क पटना:
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 आज शनिवार से कड़ी सुरक्षा और सख्त नियमों के साथ शुरू हो गई। परीक्षा के पहले ही दिन कई केंद्रों पर अव्यवस्था और हंगामे की खबरें आईं। देरी से पहुंचे कई छात्रों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई, जिसके बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन, नारेबाजी और सड़क जाम कर दिया।
इस वर्ष परीक्षा में कुल 12.92 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं, जिनमें 6.50 लाख छात्र और 6.41 लाख छात्राएं हैं। परीक्षा के लिए राज्यभर में 1677 केंद्र बनाए गए हैं, जहां कदाचारमुक्त परीक्षा कराने के लिए कड़ी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
सख्त सुरक्षा और निगरानी: परीक्षा केंद्रों पर कड़ी चौकसी
बिहार बोर्ड ने इस वर्ष परीक्षा में कदाचार रोकने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। परीक्षा केंद्रों पर निम्नलिखित सख्त व्यवस्थाएं की गई हैं। हर परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 500 परीक्षार्थियों पर एक वीडियोग्राफर की तैनाती की गई है। परीक्षा भवनों के चारों ओर पुलिस बल की तैनाती की गई है। परीक्षार्थियों को परीक्षा हॉल में प्रवेश से पहले आधार कार्ड से चेहरे का मिलान करना अनिवार्य किया गया। घड़ी, मोबाइल, ब्लूटूथ डिवाइस और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया। परीक्षा केंद्र के 100 गज के दायरे में निषेधाज्ञा लागू की गई, जिससे कोई भी बाहरी व्यक्ति वहां इकट्ठा न हो सके।
बिहार बोर्ड द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, पहली पाली की परीक्षा सुबह 9:30 बजे से 12:45 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2:00 बजे से 5:15 बजे तक होनी थी। परीक्षार्थियों को पहली पाली के लिए सुबह 9:00 बजे तक और दूसरी पाली के लिए दोपहर 1:30 बजे तक ही प्रवेश दिया गया।
सुपौल जिले में इंटरमीडिएट परीक्षा की शुरुआत: सुरक्षा और निगरानी के पुख्ता इंतजाम
सुपौल जिले के 38 परीक्षा केंद्रों पर शनिवार से इंटरमीडिएट परीक्षा की शुरुआत हो गई। परीक्षा के पहले दिन ही सभी केंद्रों पर परीक्षार्थियों की भीड़ देखी गई, जो सुबह 8 बजे से केंद्रों के बाहर जुटने लगी थी। केंद्रों में प्रवेश की प्रक्रिया सुबह 9 बजे तक पूरी की गई, जिसमें परीक्षार्थियों को गहन तलाशी के बाद प्रवेश दिया गया।
परीक्षा के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। प्रत्येक केंद्र में प्रवेश से पहले परीक्षार्थियों का आधार कार्ड से चेहरा मिलान किया गया और इसके बाद ही उन्हें केंद्र में प्रवेश दिया गया। इसके अलावा, घड़ी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक थी।
कदाचार से मुक्त और शांतिपूर्ण परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसडीएम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी विभिन्न परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करते रहे। सुबह 9:30 बजे से लेकर 12:45 बजे तक पहली पाली की परीक्षा आयोजित हुई, जबकि दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2 बजे से 5:15 बजे तक चली।
परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों के आसपास कड़ी निगरानी रखने के लिए उडनदस्ता दल का गठन किया गया था। इसके अलावा, केंद्रों के 100 गज के दायरे में निषेधाज्ञा लागू की गई थी, ताकि परीक्षा के दौरान कोई बाहरी हस्तक्षेप न हो सके।
पुलिस विभाग ने भी परीक्षा केंद्रों के आसपास तैनाती की थी और केंद्रों के आसपास बढ़ती भीड़ को नियंत्रित किया। इस तरह, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की निगरानी के बीच सुपौल जिले में इंटरमीडिएट परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हो रही है।
समय से देरी पर छात्रों को नहीं मिली एंट्री, कई जिलों में हंगामा
राज्यभर में कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थी तय समय से थोड़ी देर से पहुंचे, लेकिन उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया गया। इसके बाद कई स्थानों पर छात्रों और अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया, सड़क जाम किया और नारेबाजी की।
बिहारशरीफ: छात्राओं ने किया सड़क जाम, प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
बिहारशरीफ के किसान कॉलेज परीक्षा केंद्र पर करीब एक दर्जन छात्राएं देरी से पहुंचीं। जब उन्हें परीक्षा हॉल में प्रवेश नहीं मिला, तो उन्होंने सड़क पर बैठकर जाम लगा दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगीं।
छात्राओं का कहना था कि वे समय पर परीक्षा केंद्र पहुंच चुकी थीं, लेकिन फिर भी उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। वहीं, परीक्षा केंद्र प्रशासन ने साफ किया कि वे बिहार बोर्ड के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं, और तय समय के बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश देने की अनुमति नहीं है।
समस्तीपुर: आर.बी. कॉलेज में छात्रों और अभिभावकों का हंगामा
समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय स्थित आर.बी. कॉलेज परीक्षा केंद्र पर भी ऐसी ही स्थिति बनी। जब परीक्षार्थियों को देरी से पहुंचने पर परीक्षा हॉल में प्रवेश नहीं दिया गया, तो उन्होंने परीक्षा केंद्र के मुख्य गेट पर जबरन घुसने की कोशिश की।

देखते ही देखते छात्रों और उनके अभिभावकों की भारी भीड़ गेट पर जमा हो गई, जिससे परीक्षा केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई। सुरक्षाकर्मियों को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
शेखपुरा: पुलिस ने किया लाठीचार्ज, वीडियो वायरल
शेखपुरा जिले में एक परीक्षा केंद्र के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब छात्र जबरन परीक्षा केंद्र में घुसने की कोशिश करने लगे, तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। वीडियो में पुलिसकर्मी छात्रों को खदेड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि वीडियो वायरल की पुष्टि न्यूज एक्सप्रेस बिहार नही कर रहा है।
बोर्ड और प्रशासन का रुख: नियमों में कोई बदलाव नहीं
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने स्पष्ट किया कि परीक्षा के नियम पहले से ही तय किए गए थे और सभी परीक्षार्थियों को इसके बारे में जानकारी दी गई थी। बोर्ड ने कहा कि परीक्षा में अनुशासन बनाए रखने और कदाचार रोकने के लिए यह नियम लागू किए गए हैं, और आगे भी इन नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
बोर्ड के अनुसार:
परीक्षा शुरू होने के बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा और निगरानी और अधिक कड़ी की जाएगी। बिना वैध पहचान पत्र और समय पर न पहुंचने वाले छात्रों को परीक्षा हॉल में प्रवेश नहीं मिलेगा। छात्रों और अभिभावकों की मांग: लचीलेपन की जरूरत। छात्रों और उनके अभिभावकों ने बिहार बोर्ड से अपील की कि परीक्षा के नियमों में थोड़ा लचीलापन रखा जाए।
उनका कहना है कि यातायात, खराब मौसम या अन्य कारणों से अगर कोई छात्र थोड़ी देर से पहुंचता है, तो उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलनी चाहिए। हालांकि, प्रशासन और परीक्षा समिति इस पर सहमत नहीं है और नियमों को सख्ती से लागू करने की बात कह रही है।
परीक्षा में सख्ती, हंगामे के बाद भी नियम लागू रहेंगे
बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा 2025 के पहले ही दिन कड़े नियमों के कारण कई परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित हो गए। इससे राज्यभर में हंगामे, विरोध प्रदर्शन और पुलिस हस्तक्षेप की घटनाएं देखने को मिलीं। बिहार बोर्ड ने साफ कर दिया है कि परीक्षा के नियमों में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी और जो परीक्षार्थी समय पर नहीं पहुंचेंगे, उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।