बेगूसराय में प्रशांत किशोर का केंद्र-राज्य सरकार पर तीखा वार, कहा – गरीब और प्रवासी मजदूरों का नाम वोटर सूची से काटने की साजिश

न्यूज डेस्क बेगूसराय:

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को अपनी बिहार बदलाव यात्रा के क्रम में बेगूसराय जिले के बखरी में आयोजित विशाल जनसभा में केंद्र की भाजपा सरकार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए पर तीखा हमला बोला। उन्होंने केंद्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह के हालिया बयान पर भी पलटवार किया।

गिरिराज सिंह ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि विपक्षी दल चुनाव आयोग के SIR को लेकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पीके ने कहा,

“भाजपा और सत्ताधारी दल चुनाव आयोग के साथ मिलकर वंचित, गरीब और प्रवासी मजदूरों का नाम वोटर सूची से काटने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार को मालूम है कि बिहार से बाहर मजदूरी करने गए बच्चे जब वापस आएंगे तो एनडीए के खिलाफ वोट देंगे। इसी वजह से उनके नाम काटने का प्रयास हो रहा है।”

उन्होंने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि जिसके पास आधार कार्ड है, उसे वोट देने का अधिकार है और चुनाव आयोग किसी की नागरिकता तय नहीं कर सकता। “जिनका नाम कटेगा, उनके लिए हम लड़ेंगे, लेकिन नाम कटने के बाद भी जितने लोग बच जाएंगे, वे भाजपा और नीतीश कुमार को सत्ता से हटाने के लिए काफी होंगे,” पीके ने कहा।

‘जनता को किसी परमिशन की जरूरत नहीं’

मुंगेर के जमालपुर में जनसभा की अनुमति मिलने में आई दिक्कत पर प्रशांत किशोर ने कहा, “जनता को किसी परमिशन की जरूरत नहीं है। हम जामवंत हैं और जनता हनुमान है। हम तो जनता को उसकी ताकत बताने आए हैं।” उन्होंने जन सुराज के आगमन के बाद हुए कुछ बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब बुजुर्गों की पेंशन 20 साल बाद बढ़ी है, आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ा है, रसोइयों का वेतन दोगुना हुआ है और डोमिसाइल नीति लागू करने की प्रक्रिया शुरू हुई है।

डोमिसाइल नीति पर नीतीश पर निशाना

बिहार में लागू डोमिसाइल नीति में केवल TRE-4 भर्ती के लिए 85% आरक्षण को अधूरा बताते हुए पीके ने कहा कि यह महज चुनावी दिखावा है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2023 में प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा में नीतीश कुमार ने डोमिसाइल नीति खत्म कर दी, जिसके चलते 3 लाख शिक्षकों की भर्ती में ज्यादातर पद बाहरी उम्मीदवारों से भर दिए गए। उन्होंने मांग की, “बिहार में हमेशा के लिए कम से कम दो-तिहाई डोमिसाइल आरक्षण लागू होना चाहिए, ताकि बिहार के युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता मिले।”

जनसभा के दौरान प्रशांत किशोर ने बार-बार यह संदेश दिया कि अगर जनता के पास मजबूत और अच्छा विकल्प होगा तो लोकतंत्र में बड़े बदलाव संभव हैं। उन्होंने कहा, “जन सुराज का उद्देश्य सिर्फ सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि बिहार को एक बेहतर और न्यायपूर्ण दिशा देना है।”

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