सुपौल: छातापुर में राखी महोत्सव बना सामाजिक एकता और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक, हजारों बहनों ने संजीव मिश्रा को बाँधी राखी

न्यूज डेस्क सुपौल:

जिले के छातापुर प्रखंड अंतर्गत रामपुर स्थित पनोरमा पब्लिक स्कूल परिसर गुरुवार को एक अभूतपूर्व और भावनात्मक आयोजन का साक्षी बना, जहां “यथासंभव काउंसिल” द्वारा आयोजित राखी महोत्सव ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुआ। इस आयोजन में क्षेत्र की हजारों बहनों ने वीआईपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं यथासंभव काउंसिल के संरक्षक श्री संजीव मिश्रा को राखी बांधकर उन्हें अपना भाई, रक्षक और हितैषी स्वीकार किया।

सामाजिक बंधन से बढ़कर बना संकल्प का पर्व

इस विशेष अवसर ने राखी को केवल पारंपरिक बंधन न रहकर सामाजिक एकता, महिला सशक्तिकरण और सेवा भावना का सशक्त संदेश दिया। संजीव मिश्रा की कलाई पर बंधी राखियों को उन्होंने “एक संकल्प” करार देते हुए कहा, “आज जो राखी मेरी कलाई पर बंधी है, वह अब सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि मेरी ज़िम्मेदारी है — आपकी रक्षा, सम्मान और अधिकारों की लड़ाई मेरी प्राथमिकता है। यह रिश्ता प्रचार नहीं, जीवन की सबसे पवित्र धरोहर है।”

महिलाओं की समस्याओं पर मुखर हुए मिश्रा

श्री मिश्रा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छातापुर क्षेत्र की महिलाओं की समस्याओं पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों से क्षेत्र में विकास की रफ्तार थमी हुई है, जिसका सीधा असर महिलाओं और बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर पड़ा है। “मैंने राजनीति का नहीं, सेवा का रास्ता चुना है। गांव-गांव जाकर माताओं-बहनों की आंखों में छिपा दर्द और खामोशी में छिपी पुकार को महसूस किया है।”

उन्होंने संकल्प लिया कि

  • कोई बेटी शिक्षा से वंचित नहीं रहेगी।
  • कोई मां इलाज के लिए भटकती नहीं दिखेगी।
  • कोई बहन खुद को असुरक्षित महसूस नहीं करेगी।

माहौल में भावनाओं की लहर

राखी बांधने आई बहनों और उपस्थित जनसमूह में भावुकता का माहौल था। बच्चियों ने पुष्प अर्पित कर श्री मिश्रा का स्वागत किया, जिससे पूरा परिसर स्नेह, विश्वास और आस्था से ओतप्रोत हो गया।

बुजुर्गों से मिला आशीर्वाद, मिश्रा को बताया ‘परिवार का सदस्य’

कार्यक्रम में मौजूद बुजुर्ग महिलाओं ने संजीव मिश्रा को आशीर्वाद देते हुए कहा कि वे अब केवल नेता नहीं, बल्कि घर के सदस्य और भाई के रूप में उनके दिलों में जगह बना चुके हैं।

जनसहभागिता से गूंज उठा परिसर

इस महोत्सव में मौनू मिश्रा, दीपक दिलवर, आदित्य पाठक, मुकुंद ठाकुर, अमन यादव, जय सिंह, अमन पांडे, जनीफ खान, राजू खान, छोटन मोदक, हरी मिश्रा, बादल झा, वर्षा, चांदनी सरदार, बबिता, पूनम, डॉ. रेजा फैजी, विनय मंडल, विकास कुमार, रवि दास सहित बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, महिलाएं और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

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