न्यूज़ डेस्क सुपौल:
राजद-जदयू गठबंधन को व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा रूपी कैंसर ने जकड़ लिया है, जिस कारण यह गठबंधन दिनों दिन गर्त में जा रहा है। उक्त बातें सुपौल के पूर्व सांसद सह राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वमोहन कुमार ने मंगलवार को अपने निजी आवास परआयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ गया है। जिस प्रकार कैंसर होने पर लोग मौत के मुंह मे ही जाकर दम लेता है, उसी प्रकार व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा रूपी कैंसर भी इस गठबंधन को गर्त में ले जा रही है। उन्होंने इस गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि सीमांचल के सुपौल, मधेपुरा और सहरसा जिले में राज्य सरकार की नहीं, बल्कि एक पार्टी के साहेब की सत्ता चलती है। गठबंधन के तहत यहां की अधिकांश सीटें जदयू के कोटे में जाती है। ए टू जेड की पार्टी होने का दावा करने वाली राजद कुछ दबंग नेताओं के चक्रव्यूह में फंसी हुई है। पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है। वे पार्टी में किसी अन्य नेतृत्व को भरने नहीं देते हैं। इसका सीधा असर पार्टी के संगठन पर पड़ता है। पार्टी का संगठन कमजोर हो गया है और पार्टी मतदाताओं का विश्वास खो रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता और जनता का हित महत्वपूर्ण होता है। राजद नेता जनता के सेवक होते हैं, लेकिन गठबंधन में ठीक उसके विपरीत कुछ नेताओं ने तो लोकतंत्र को राजतंत्र के समक्ष लाकर खड़ा कर दिया है। कहा कि चंद नेताओं के शिकंजे में फंसी पार्टी संगठन के कारण अति पिछड़ा वर्ग स्वयं को पार्टी से जोड़ ही नहीं पाता है। युवा नेतृत्व की जिस छवि को लेकर तेजस्वी यादव ने लोगों में उम्मीद जगाई थी, वो विलुप्त होती जा रही है। जदयू से जुड़ने के बाद से राजद की धार कुंद पड़ती जा रही है।