



न्यूज डेस्क पटना:
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के विभिन्न वर्गों को साधने के लिए एक के बाद एक बड़ी घोषणाएं की हैं। रविवार को सफाईकर्मियों के लिए एक समर्पित आयोग के गठन की घोषणा की गई, वहीं शनिवार को पत्रकारों की पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि की गई। दोनों घोषणाएं सीएम नीतीश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा कीं, जिन्हें राजनीतिक गलियारों में चुनावी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
सफाईकर्मियों के लिए बनेगा ‘बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार सुबह एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सफाई कर्मचारियों के अधिकारों और हितों की सुरक्षा, कल्याण, पुनर्वास, सामाजिक उत्थान, शिकायतों के निवारण तथा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग’ का गठन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के अनुसार,
“यह आयोग सफाई कर्मचारियों से संबंधित मुद्दों पर राज्य सरकार को सुझाव देगा और उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा कर उन्हें प्रभावी रूप से लागू कराने के लिए कार्य करेगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पांच सदस्य होंगे, जिनमें से कम से कम एक सदस्य महिला या ट्रांसजेंडर होगा। यह कदम समाज के वंचित तबके को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

सीएम ने कहा कि यह आयोग सफाई कार्यों में लगे लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर करने में सहायक सिद्ध होगा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
पत्रकारों की पेंशन में बड़ा इज़ाफ़ा, आश्रितों को भी मिलेगा लाभ
एक दिन पहले शनिवार को मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के लिए बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के तहत पेंशन राशि में ढाई गुना से अधिक की वृद्धि की घोषणा की थी। अब पात्र पत्रकारों को सेवानिवृत्ति के बाद ₹6,000 के बजाय ₹15,000 प्रतिमाह पेंशन मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस योजना के अंतर्गत पेंशन प्राप्त कर रहे पत्रकार की मृत्यु होने की स्थिति में उनके आश्रित पति/पत्नी को जीवनपर्यंत ₹10,000 प्रतिमाह की पेंशन दी जाएगी, जो पहले ₹3,000 थी।
नीतीश कुमार ने कहा—
“लोकतंत्र में पत्रकारों की अहम भूमिका होती है। वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं और सामाजिक विकास में योगदान देते हैं। उनकी सुविधाओं का ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि वे निष्पक्ष होकर अपनी पत्रकारिता कर सकें और सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानजनक जीवन जी सकें।”
राजनीतिक संदेश और चुनावी संकेत
नीतीश कुमार की ये घोषणाएं ऐसे समय पर आई हैं जब बिहार में विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां शुरू हो चुकी हैं। एक ओर सफाई कर्मचारियों जैसे वंचित वर्ग को अधिकार देने की बात कही जा रही है, तो दूसरी ओर पत्रकारों जैसे प्रभावशाली वर्ग को सम्मानजनक पेंशन देकर सरकार की “कल्याणकारी छवि” को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये घोषणाएं केवल सामाजिक न्याय और कल्याण के उपाय नहीं, बल्कि बेहद सोच-समझकर बनाई गई चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं, जो विभिन्न वर्गों के समर्थन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।