News Desk Patna:
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच पटना की मोकामा सीट पर हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड ने पूरे राज्य की सियासत को हिला दिया है। शनिवार देर रात पुलिस ने जेडीयू उम्मीदवार और बाहुबली नेता अनंत सिंह को उनके मोकामा स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई 30 अक्टूबर को चुनाव प्रचार के दौरान हुई हिंसा और दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में की गई है।
घटना का पूरा मामला
30 अक्टूबर को मोकामा के ताल इलाके में जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार कर रहे उनके समर्थक दुलारचंद यादव (75 वर्ष) की हिंसक झड़प में मौत हो गई थी। प्रचार के दौरान जेडीयू और जन सुराज समर्थकों के बीच भिड़ंत, पथराव और गोलीबारी हुई थी। गंभीर रूप से घायल दुलारचंद को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनकी मौत की वजह फेफड़ों के फटने और पसलियों के टूटने को बताया गया है।
पुलिस की कार्रवाई
पटना एसएसपी कर्तिकेय के. शर्मा ने बताया कि अनंत सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया है। उनके दो सहयोगी — मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम — को भी गिरफ्तार किया गया है। अब तक इस मामले में तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पुलिस का कहना है कि कार्रवाई प्रत्यक्षदर्शियों और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
प्रशासनिक सख्ती
इस घटना को लेकर चुनाव आयोग ने गंभीर रुख अपनाया है। आयोग ने बिहार डीजीपी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर मोकामा रिटर्निंग ऑफिसर, एसपी (ग्रामीण) विक्रम सिहाग सहित कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। पटना डीएम डॉ. थियागराजन एसएम ने बताया कि पिछले 48 घंटों से लगातार जांच जारी है। अब स्थिति नियंत्रण में है और 80 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
सियासी असर
मोकामा की राजनीति में अनंत सिंह का प्रभाव दशकों से रहा है। उन्हें लोग “छोटे सरकार” के नाम से जानते हैं। वे 2005 से अब तक पांच बार विधायक रह चुके हैं। इस बार वे जेडीयू-एनडीए उम्मीदवार हैं, जबकि आरजेडी ने सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी और जन सुराज ने पीयूष प्रियदर्शी को मैदान में उतारा है। गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया है और इसके लिए आरजेडी प्रत्याशी सूरजभान सिंह को जिम्मेदार ठहराया है।
आयोग की चेतावनी
चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि आचार संहिता उल्लंघन और चुनावी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिहार में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है, ऐसे में मोकामा की यह घटना अब चुनाव का सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बन चुकी है।







