न्यूज़ डेस्क: नेपाल में राजा और राजतंत्र के प्रति जनता का प्यार फिर से उबल रहा है। नेपाल के पहाड़ से लेकर तराई के इलाके में राजतंत्र की वापसी को लेकर जनता सड़क पर उतरने लगे हैं। नेपाल की राजधानी काठमांडू से लेकर औद्योगिक राजधानी विराटनगर तक में राजा और राजतंत्र के प्रति लोगों की गोलबंदी शुरू हो गई है।
भारत नेपाल के जोगबनी सीमा से सटे नेपाल के कोशी प्रदेश के झापा जिले के बिर्तामोड स्थित इकम कॉलेज मे निर्मित पृथ्वीनारायण शाह के आदमकद प्रतिमा के अनावरण करने पहुंचे पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के कार्यक्रम में शनिवार को एक लाख से ज्यादा लोगों की भागीदारी हुई। जनसहभागिता में उठ रहे नारे राजतंत्र की वापसी नेपाल के सियासी हलकों में बैचेनी ला दी है। राजनीतिक अस्थिरता के बीच नेपाल मे राजतंत्र के पक्ष में लोगो का रुझान अब नजर आने लगा है। पूर्व राजा ज्ञानेंद्र के कार्यक्रम में शामिल लोग हम्रो राजा, हम्रो देश,प्रेम भंदा प्यारो देश के नारे से इलाका गुंजायमान रहा। इससे पहले काठमांडू में भी लोग सड़क पर पूर्व राजा के पक्ष में उतरकर प्रदर्शन कर चुके हैं। राजा और राजतंत्र के समर्थन वाली मानी जाने वाली राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के अध्यक्ष राजेन्द्र लिङ्देन दस दिन से कार्यक्रम को लेकर झापा में कैंप कर रहे थे।
पूर्व राजा के समर्थन में ज्ञानेंद्र शाह के साथ निकली काफिला में दस हजार से अधिक मोटरसाइकिल पर राजा के समर्थक के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। रैली निकाल पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को मेचीनगर के होटल मेची क्राउन प्लाजा से बिर्ता मोड़ लाया गया।पंचकन्या मे रहे इकम कॉलेज में बने कार्यक्रम स्थल तक राजा और राजतंत्र के पक्ष मे नेपाली ध्वज के साथ नारेबाजी की गई। राजतंत्र के वापसी को लेकर व्यवसायी दुर्गा प्रसाईं के द्वारा काठमांडू मे आंदोलन किया जा रहा है। आन्दोलन के कारण काठमांडू मे समर्थक की मौजूदगी के बावजूद राप्रपा के राजेंद्र लिङ्देन सफल हुए। इस दौरान राप्रपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र लिङ्देन पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के साथ रहे। समर्थकों की भारी भीड़ सड़क पर उतरने के कारण होटल से कार्यक्रम स्थल तक आने में पूर्व राजा के काफिले को दो घंटे से अधिक का समय लगा।जबकि दूरी चांद किलोमीटर की ही थी। राजा और राजतंत्र के समर्थक गाड़ी के साथ साथ पैदल चलते हुए नारेबाजी कर रहे थे।
पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के द्वारा कॉलेज मे निर्मित नेपाल के राष्ट्र निर्माता पृथ्वी नारायण शाह के आदमकद प्रतिमा का अनावरण करने शुक्रवार को ही झापा पहुंच गए थे। जिसका अनावरण शनिवार को किया गया। हालांकि समर्थक के द्वारा हिंदू राज्य फिर से स्थापित करने और राजतंत्र के वापसी के नारे के बीच पूर्व राजा शाह के द्वारा प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में इस विषय पर किसी तरह का विचार नहीं रखा गया।