रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया
फारबिसगंज सहित पूरे बिहार के नगर निकायों के स्ट्रीट लाइट की खरीदारी पर विभाग ने रोक लगा दी है। लेकिन गुरुवार को नगर परिषद में आयी स्ट्रीट लाइट को नगर परिषद को बैरंग वापस करना पड़ा। वही मुख्य पार्षद वीणा देवी ने बताया की नगर परिषद के लेबल से पूर्व में ही टेंडर कर वर्क ऑडर दिया गया था जिससे शहर के हर पोल स्ट्रीट लाइट लगाया जाना था लेकिन ये राजनीति का शिकार हो गया। लाइट से शहर वासियों को लाभ मिलता।
इधर, ईओ संदीप कुमार ने बताया की नगर विकास विभाग का पत्र आया है, इसमें अभी क्रय एवं अधिष्ठापन पर रोक लगा दी गयी है। इस कारण वापस करना पड़ा। वहीं पार्षद काजल गुप्ता एवं तन्नू प्रिया ने बताया की विभाग के रोक के बावजूद स्ट्रीट लाइट को चोरी छुपके मंगवाकर बेक डेट में रिसीव करने की मंशा थी, लेकिन नगर परिषद को असफलता ही हाथ लगी। जानकारी के अनुसार शहर के सभी बिजली पोल पर स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना थी जिसके तहत 3000 स्ट्रीट लाइट का आर्डर किया गया था। यह आर्डर जेम पोर्टल माध्यम से हैवेल्स कंपनी से की गई थी, जो 7 अक्टूबर को बीट हुआ एवं 17 नवंबर को ऑर्डर दिया गया जिसमें 70 वार्ड का 2500 पीस एवं 100 वार्ड का 500 पीस था।
इधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले एवं वर्तमान जो स्ट्रीट लाइट लगी हुई है वह बेहद घटिया किस्म का हैं, न तो नियमित रूप से जलते हैं और महज 8 से 10 दिनों में खराब हो जाते है।