श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान के तीसरे दिन एडीएम ने श्रद्धालुओं के साथ सुनी कथा

रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया


फारबिसगंज में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान के तीसरे दिन गुरुवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ एडीएम राधामोहन झा ने भी कथा सुनी। व्यास गद्दी पर विराजे ऋषिकेश से आए बालसंत श्री हरिदास जी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह के तीसरे दिन व्यास गद्दी से कहा कि मानव जीवन में मनुष्य को अपनी परम्पराओं का निर्वहन दायित्व पुर्वक करना चाहिए। अगर हम अपने माता-पिता की सेवा करेंगे तो हमारे बच्चे भी हमारी सेवा वृद्धावस्था में करेंगे। अगर हम अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में भेजेंगे तो अपने बच्चों से हमारी सेवा करने की अपेक्षा रखना हमारे जीवन की सबसे बड़ी भूल है और इसे समय रहते सुधार कर लेना सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को सूई की तरह जोड़ने का काम करना चाहिए न कि कैंची की तरह काटने का। श्री मद्भागवत कथा के अलग-अलग दृष्टांतो के जरिए सारगर्भित संदेश श्रद्धालु नर नारीयों को दिया। विदुर नीति का भी विस्तृत उल्लेख उन्होंने किया। पाश्चात्य संस्कृति को छोड़कर भारतीय संस्कृति की ओर जुड़ कर अपना जीवन सुधारने की अपील उन्होंने की।

बता दें कि तीसरे दिन कथा स्थल पर भीड़ काफी बढ़ गयी थी। समाज के लोगों के साथ साथ राजनीतिक जन प्रतिनिधियों के आलावा सरकारी अधिकारियों की आवा जाही काफी बढ़ चढ़ कर हो रही है। इसी क्रम में अररिया से एडीएम राधामोहन झा कथास्थल पर पहुंचे और महाराज श्री की अमृतवाणी का श्रवण किया।

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