रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया
भारत नेपाल के बीच कारोबार करने वाले कारोबारियों और व्यवसायियों को नए साल में नई सौगात मिलेगी। नेपाल और भारत के बीच डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था शुरुआत फरवरी माह से होगी। इसको लेकर अभी से ही भारत और नेपाल के अधिकारी तैयारी में जुट गए हैं।
भारत और नेपाल के बीच डिजिटल पेमेंट गेटवे के पहले चरण मे 2024 के फरवरी के दूसरे सप्ताह से शुरुआत करने की कवायद तेज हो गयी है। नेपाल मे भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव के द्वारा नेपाल के बैंकिंग फाइनेंस, इंश्योरेंस एण्ड इंस्टीट्यूट और भारत के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से भारत-नेपाल सेंटर में आयोजित नेपाल बीएफएसआई सम्मेलन मे इसकी जानकारी दी गई। छह माह पहले एनपीसीआई, इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड और नेपाल क्लियरिंग हाउस लिमिटेड की ओर से भारत के यूपीआई और नेशनल पेमेंट इन्टरफेस को एकीकृत करने की योजना बनी थी। उक्त समझौते में नेपाल और भारत के बीच के सीमा पार डिजिटल भुगतान को सहज बनाने की सहमति थी।
जानकारी देते हुए राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ‘प्रचण्ड’ के भारत भ्रमण के समय ही एनपीसीआई और एनसीएचएल के बीच हुए समझौता अनुसार डिजिटल भुगतान गेटवे शुरू करने की योजना पर सहमति बनी थी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2022 में नेपाल मे रुपे कार्ड की शुरुआत किया जा चुका है।
वहीं बीएफएसआई सम्मेलन मे नेपाल के अर्थ मंत्री डॉ प्रकाश शरण महत ने कहा कि भारत के साथ सीमा पार भुगतान से नेपाल-भारत के बीच क्षेत्रीय स्तर मे भी सहयोग मिलेगा। इससे सुरक्षात्मक व्यापार को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि नेपाल भारत के बीच बड़ा और अति प्राचीन व्यापारिक सम्बन्ध है। पूर्व से ही भारत नेपाल के बीच संधि के तहत भारत नेपाल में व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा सहयोगात्मक भूमिका का निर्वहन किया है। संधि के तहत आज भी तीसरे देश से नेपाल द्वारा आयातित समान भारतीय बंदरगाह पर उतारकर सड़क मार्ग से नेपाल में प्रवेश कराया जाता है।
बता दें कि नेपाल राष्ट्र बैंक ने भारत नेपाल के बीच डिजिटल भुगतान को लेकर अपनी तैयारी पूरी कर ली है। नेपाल राष्ट्र बैंक के द्वारा राष्ट्रीय भुगतान स्विच स्थापना व संचालन के लिए राष्ट्रीय भुगतान कार्ड संचालन का काम एनसीएचएल को दिया था। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया व इसके अंतर्राष्ट्रीय शाखा इंटरनेशनल पेमेन्ट्स के द्वारा नेपाल मे यूपीआई प्रणाली लागू करने के लिए गेटवे पेमेन्ट सर्विस और मनाम इन्फोटेक से सहकार्य कर चुकी है। एकीकृत भुगतान प्रणाली होने के बाद भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक लेनदेन सरल और सुलभ हो जायेगा। नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर महाप्रसाद अधिकारी ने बताया कि 2026 को लक्षित कर डिजिटल मुद्रा लाने के तरफ नेपाल राष्ट्र बैंक आगे बढ़ रहा है। वही नेपाल-भारत के बीच डिजिटल परिचय पत्र को भी संचालन मे अगर लाया जायेगा तो जनता के आवागमन को सहज बनाने, भुगतान सेवा प्रवर्धन करने, व्यापार के निर्बाध कारोबार में इससे मदद मिलेगी।