



रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया
अररिया सहित पूरे सीमांचल इलाके में मौसम ने अचानक करवट बदल ली है। सर्द भरी पछुवा हवा के साथ दिनभर वातावरण कुहासे से भरा रहा। जिसके कारण आम जनजीवन प्रभावित हुआ। वातावरण में चाहते धुंध के कारण दिनभर सूर्य के दर्शन नहीं हुए। अचानक मौसम के बदले करवट के बाद लोग अपने शरीर को गर्म रखने की जुगत में लग गए। स्वेटर, शॉल, मफलर के साथ टोपी लगाकर लोग बाजार निकलने को मजबूर हुए। वहीं कई स्थानों पर अलाव जलाकर लोग अपने शरीर को गर्म रखने की जुगत में लगे दिखे। शुक्रवार तक जहां सुबह और शाम ठंड और दिन में सूर्य की तपिश लोगों को मन को भा रही थी। वहीं आज सुबह से लेकर शाम तक मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदला रहा। सुबह से लेकर शाम तक सर्द भरी हवा के कारण अधिकांश लोग अपने घरों में दुबके रहे। जिसका असर बाजार में भी देखने को मिला। बाजार में जरूरी कामों से ही बाहर निकलते देखे गए। दिनभर छाए धुंध का असर परिवहन पर भी देखने को मिला। कई ट्रेनों के परिचालन पर भी असर हुआ। शुक्रवार को दिल्ली आनंद विहार से जोगबनी आने वाली 12488 सीमांचल एक्सप्रेस शुक्रवार को बारह घंटे से अधिक विलंब से रात को करीब आठ बजे जोगबनी पहुंची। लोकल ट्रेनें भी अन्य साफ दिनों के अपेक्षा धीमी चली। वहीं नेशनल हाइवे एनएच 57 पर भी दौड़ने वाली गाड़ियां दिन में गाड़ी के लाइट को जलाकर चलती दिखी। हाइवे के बगल में कई गाड़ियों के चालक गाड़ी खड़ी कर अपने को आज के अलाव के साथ शरीर को गर्म करते भी पाए गए।
दिसंबर माह में जिस तरह से शनिवार से पहले मौसम का रुख था, वह अचानक बदल गया। हालांकि नेपाल के तलहटी में बसे अररिया सहित सीमांचल के इलाके में दशहरा के बाद से ही ठंड दस्तक देने लगती है, लेकिन इस बार मौसम का मिजाज वैसा नहीं रहा।जिसको लेकर ऊनी वस्त्रों के व्यापार करने वाले कारोबारियों में मायूसी देखी जा रही थी। वहीं आलू और गेहूं मक्का की खेती करने वाले किसान मौसम की बेरुखी से परेशान थे। जिन्हे बदले मौसम को लेकर राहत मिलने की बात किसान कर रहे हैं।