रिपोर्ट: राजीव मिश्रा|करजाईन
संतमत सत्संग मंदिर बायसी-डुमरी, रतनपुर के प्रांगण में गत 1 जनवरी से आयोजित पाक्षिक ध्यान ज्ञान यज्ञ की संध्या वेला में कोदरा घाट, मधेपुरा से पधारे इंदू बाबा ने लोगों को सत्संग की महिमा की विस्तार से जानकारी दी।
इंदू बाबा ने कहा कि बिना जप व ध्यान से जीवन का कल्याण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सत्संग व ईश्वर की भक्ति से ही सुखी रहा जा सकता है। वहीं गोनहा से आए दीप नारायण बाबा, शुशील बाबा, ठाकुर बाबा ने भी सत्संग का महत्व समझाया। इन्होंने कहा कि जो मनुष्य सत्संग में समय देता है। उससे बड़ा भाग्यशाली कोई नहीं है। ईश्वर हमारे अंदर हैं और हम कस्तूरी मृग की तरह उनकी खोज में बाहर भटकते रहते हैं। इसलिए आत्मा रूपी निर्मल जल के ऊपर जो काई लगी है उसे हटाने पर ही आत्म ज्ञान होगा। इससे पूर्व अन्य संत-महात्माओं ने सत्संग प्रेमियों को जीवन का अर्थ बताया। इस दौरान बड़ी संख्या में सत्संग प्रेमी बाबा के प्रवचन सुनने पहुंचे थे। इस मौके पर आयोजन समिति से जुड़े लोग व स्थानीय सत्संग प्रेमी उपस्थित थे।