विराटनगर जूट मिल के फिर से संचालन के लिए बिड़ला समूह के प्रतिनिधियों ने लिया जायजा

रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया

जोगबनी से सटे सीमा पार बंद पड़े विराटनगर जूट मिल को चालू करने के लिए भारत की बिड़ला समूह ने पहल शुरू की। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल के पिछले दिनों भारत दौरे के क्रम में नेपाल में भारतीय उद्योगपतियों के निवेश के आह्वान के बाद बिड़ला समूह ने यह पहल की। बिड़ला समूह के प्रतिनिधियों का एक दल बंद पड़े विराटनगर जूट मिल का जायजा लिया। उदयपुर सीमेंट उद्योग संचालन समिति के अध्यक्ष केशव बस्नेत के नेतृत्व में भारत से आए बिड़ला समूह की टीम ने विराटनगर जूट मिल का जायजा लिया।

नेपाल के कई बड़े उद्योग बंद पड़े हैं। जिसको फिर से सुचारू ढंग से चलाने के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ने पहल की है। भारत समेत अन्य देशों का दौरा कर विदेशी निवेशकों को अपने देश में उद्योग लगाने के लिए प्रेरित करने की कवायद के रूप में इसे देखा जा रहा है। जोगबनी से सटे भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित नेपाल के सबसे पुराने और बड़े जूट मिल विराटनगर जूट मिल लंबे भू भाग में फैला है। जिसमें दो बड़ा प्लांट स्थापित है। सीमावर्ती क्षेत्र के दस हजार से अधिक कर्मचारी जूट मिल में काम करते थे। जूट मिल संचालन के लिए लगे पावर हाउस में कोयला सप्लाई भारत से होती थी और सीमा पार कर रेल रैक के माध्यम से कोयला की सप्लाई की जाती थी। साथ में आई टीम ने सुचारू रूप से चालू होने के बाद 20 हजार कामगारों को रोजगार मिल से मिलने की संभावना जताई।

बंद पड़े जूट मिल

उदयपुर सीमेंट उद्योग संचालन समिति के अध्यक्ष केशव बस्नेत के साथ विराटनगर जूट मिल संचालन समिति के पूर्व सदस्य किशोर बहादुर शाही के द्वारा प्रतिनिधि मंडल को विराटनगर जूट मिल की वस्तुस्थिति व जूट मिल के भौतिक संरचना तथा मशीन के पार्ट पुर्जा के बारे में जानकारी दी। विराटनगर जूट मिल के निरीक्षण पश्चात प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष केशव बस्नेत ने कहा की जूट मिल चलने की संभावना है।

वही बिडला समूह के ओबाई इंटरनेशनल गोल्डेन फाइबर टेक्नोलोजी काउंसलिंग के जूट विशेषज्ञ जयंत कुमार मुखर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विराटनगर जूट मिल के पुनः संचालन के लिए नया भवन का निर्माण और अत्याधुनिक तकनीक वाली मशीन को जोड़ने की आवश्यकता है। श्री मुखर्जी ने कहा कि विराटनगर जूट मिल के दो बड़े प्लांट मे एक प्लांट के मशीन के 70 प्रतिशत पार्ट पूर्जा काम में आ जाएगी।जिसकी मरम्मती के बाद उसे एक बड़े प्लांट को संचालन मे लाया जा सकता है। वही दूसरे प्लांट मे नए आधुनिक मशीन को लगाने की बात कही।

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