



न्यूज डेस्क सुपौल:
सरस्वती पूजा की तैयारी शुरू हो चुकी है। जिले के राघोपुर प्रखंड में मूर्तिकार देवी सरस्वती की प्रतिमाओं को तैयार करने में युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं। इधर, बाजार में रेडीमेड मूर्तियों के आने से स्थानीय मूर्तिकारों को उचित मुनाफा नहीं होने के साथ ही प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई है। मूर्तिकारों ने बताया कि पहले की अपेक्षा वर्तमान में मूर्तिकारों की स्थिति दयनीय है। हालांकि, पुरानी परंपरा को आज भी आगे बढ़ाने का काम वे कर रहे हैं, लेकिन लागत और मेहनत के अनुसार मुनाफा नहीं मिल पाता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मूर्ति निर्माण के बाद उसकी बिक्री नहीं हो पाती है। जिसके कारण अगले वर्ष तक मूर्ति बेचने का इंतजार करना पड़ता है। इस दौरान कई मूर्तियां नष्ट हो जाती है जिसका नुकसान उन्हें वहन करना पड़ता है।

सरस्वती पूजा को लेकर प्रखंड के सभी शैक्षणिक परिसरों एवं विद्यालयों में पूजा की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। जिसको लेकर स्कूली बच्चों के बीच उत्साह का माहौल दिख रहा है।

पश्चिम बंगाल के रायगंज जिले के रहने मूर्तिकार प्रशांत पाल ने बताया कि सरस्वती पूजा को लेकर एक माह पूर्व से मूर्ति बनाने का काम शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि गणपतगंज में वे करीब 24 वर्षों से मूर्ति का निर्माण करते आ रहे है। उन्होंने बताया कि 3 फरवरी को होने वाले सरस्वती पूजा के लिए मूर्तियों को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। बताया कि इस बार पहले की अपेक्षा मूर्तियों के लिए अग्रिम बुकिग पहले ही हो गयी है। बता दें कि इस बार सरस्वती पूजा 3 फरवरी को मनाई जाएगी।