



न्यूज डेस्क सुपौल:
सुपौल जिले के भपटियाही थाना क्षेत्र में बुधवार को एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना घटी। सिलीगुड़ी से मोतिहारी जा रही एक यात्री बस (राज बस, नंबर BR 31 PA-6524) पिपरा खुर्द गांव के पास अचानक अनियंत्रित होकर एनएच-27 से करीब 10 फीट नीचे पलट गई। इस बस में 20 से 25 यात्री सवार थे, जिनमें से आधा दर्जन से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि अन्य को मामूली चोटें आईं।
दुर्घटना का कारण और बस में फंसे यात्री
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना का मुख्य कारण बस चालक द्वारा एक अन्य वाहन को ओवरटेक करने के प्रयास में संतुलन खो देना बताया जा रहा है। जैसे ही बस सड़क से नीचे गिरी, यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ यात्री बस में ही फंस गए, जबकि कुछ को स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया।

स्थानीय लोगों की तत्परता से राहत कार्य
हादसे के तुरंत बाद, पिपरा खुर्द और आसपास के ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए। उन्होंने बस में फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला और घायलों को प्राथमिक उपचार देने की व्यवस्था की। सूचना मिलते ही भपटियाही थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और स्थिति का जायजा लिया।
घायलों की स्थिति
इस हादसे में कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से कुछ की स्थिति नाजुक बनी हुई है। घायलों की पहचान इस प्रकार की गई है:
- सपना कुमारी (19) – सिवान
- रिंकू देवी (30) – सिवान
- रानी कुमारी (5) – सिवान
- राहुल साह (20) – छपरा
- देवंती देवी (70) – छपरा
- लक्ष्मण राय (60) – मुजफ्फरपुर
- रघुवंश प्रसाद साह (50) – मुजफ्फरपुर
- शुभम् (45) – मुजफ्फरपुर
इनमें से कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। अन्य यात्रियों को मामूली चोटें आई हैं।
अस्पताल में इलाज और प्रशासन की कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद सभी घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सरायगढ़ भपटियाही में भर्ती कराया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्रभूषण मंडल ने सभी घायलों का इलाज किया और गंभीर रूप से घायल यात्रियों को बेहतर उपचार के लिए रेफर कर दिया।

भपटियाही थाना पुलिस ने बस को जब्त कर लिया है और हादसे की जांच शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष ने बताया कि बस चालक की लापरवाही के चलते यह दुर्घटना हुई। पुलिस आवश्यक कार्रवाई की प्रक्रिया में जुट गई है और घटना के अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है।
इस दुर्घटना में स्थानीय लोगों ने जो तत्परता दिखाई, वह काबिल-ए-तारीफ है। उनकी सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई के कारण कई यात्रियों की जान बच सकी। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर यातायात व्यवस्था और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।