सुपौल: राघोपुर में भयावह अग्निकांड: सैकड़ों घर जलकर हुए राख, लाखों की संपत्ति नष्ट

न्यूज डेस्क सुपौल:

गुरुवार की संध्या जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र के विशनपुर दौलत पंचायत में भीषण आग लगने से सैकड़ों परिवारों की जिंदगी तबाह हो गई। वार्ड नंबर 6 और 7 में अचानक लगी आग ने इतनी तेजी से विकराल रूप धारण कर लिया कि करीब डेढ़ सौ से अधिक घर जलकर राख हो गए। इस अग्निकांड में कई मवेशी भी झुलस गए, जबकि लाखों रुपये मूल्य की संपत्ति नष्ट हो गई। आग लगने के कारण सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं और उनके पास रहने या खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा है।

मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार शाम करीब 5 बजे यह हादसा स्थानीय निवासी नुनु लाल शर्मा के घर से शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि घर में अचानक आग लगी, जो देखते ही देखते पूरे इलाके में फैल गई। आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला।

स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि भूपेंद्र मेहता ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। हालांकि, प्रशासन इस घटना की गहराई से जांच कर रहा है ताकि सही कारणों का पता लगाया जा सके।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कुछ ही मिनटों में यह आसपास के घरों तक पहुंच गई। हवा तेज होने के कारण आग ने और भी विकराल रूप धारण कर लिया और इलाके के दो वार्डों में तबाही मचा दी। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते रहे, लेकिन आग ने उनके घरों और सामान को अपनी चपेट में ले लिया।

स्थानीय निवासी रामेश्वर प्रसाद ने कहा, “हमने अपने जीवन की पूरी कमाई इन घरों में लगाई थी। अब हमारे पास न घर बचा, न अनाज, न कपड़े। हमारा सबकुछ जलकर राख हो गया।”

दमकल की देरी और आग बुझाने में आई मुश्किलें

आग लगने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने दमकल विभाग को फोन किया, लेकिन दमकल की गाड़ियां मौके पर काफी देर से पहुंचीं। जब तक पांच दमकल गाड़ियां आग बुझाने में लगीं, तब तक आग पूरे इलाके में फैल चुकी थी।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यदि दमकल की गाड़ियां समय पर पहुंचती, तो इतनी भारी तबाही नहीं होती। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि दमकल कर्मी पूरी ताकत से आग बुझाने में लगे थे, लेकिन आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया।

भारी नुकसान – घर, अनाज, नकदी, मवेशी सब राख

इस आगलगी में करीब 50 से अधिक बकरियां और अन्य मवेशी जलकर मर गए। सैकड़ों परिवारों के घरों में रखा राशन, कपड़े, नकदी, फर्नीचर और अन्य जरूरी सामान पूरी तरह से नष्ट हो गया।

स्थानीय निवासी मीना देवी ने रोते हुए बताया, “हमारे पास जो भी था, सब जलकर राख हो गया। अब हमारे पास पहनने के लिए कपड़े तक नहीं हैं। हम अपने बच्चों को लेकर कहां जाएं?”

प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, इस अग्निकांड में लाखों रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है। हालांकि, प्रशासनिक अधिकारी नुकसान का सटीक आंकलन करने में जुटे हुए हैं।

प्रशासन की कार्रवाई – राहत शिविर की व्यवस्था

घटना की सूचना मिलते ही अंचलाधिकारी (सीओ) रश्मि प्रिया, थानाध्यक्ष नवीन कुमार, और सशस्त्र बल मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

सीओ रश्मि प्रिया ने बताया, “सूचना मिलते ही हमलोग घटनास्थल पर पहुंचे। रात होने की वजह से जल चुके घरों की सटीक संख्या का पता नहीं चल सका है। लेकिन प्रशासन ने तत्काल राहत शिविर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि पीड़ित परिवारों को भोजन, पानी और अस्थायी आवास की सुविधा मिल सके।”

स्थानीय नेताओं और ग्रामीणों की मांग

इस भयावह त्रासदी के बाद स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि भूपेंद्र मेहता और अन्य ग्रामीणों ने सरकार से तत्काल सहायता की मांग की है। उन्होंने कहा, “यह एक भीषण आपदा है। हम मांग करते हैं कि सरकार पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द मुआवजा दे और उनके पुनर्वास की व्यवस्था करे। सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं, उन्हें तत्काल रहने और खाने की सुविधा दी जानी चाहिए।”

घटनास्थल पर मातम और भय का माहौल

इस भीषण अग्निकांड के बाद पूरे इलाके में मातम छा गया है। प्रभावित परिवारों के पास अब कुछ भी नहीं बचा। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं बेसहारा हो गए हैं और प्रशासन से तत्काल सहायता की उम्मीद कर रहे हैं।

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