



न्यूज डेस्क सुपौल:
जिले के नगर पंचायत सिमराही स्थित एसआर शिक्षा सम्राट स्कूल में मंगलवार को एक विशेष चेतना सत्र का आयोजन किया गया। यह सत्र ब्रह्माकुमारी संस्था एवं दिव्य महादेव जनकल्याण ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में विद्यालय की प्रातःकालीन प्रार्थना सभा के दौरान संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं के नैतिक उन्नयन, आत्मबोध तथा नशा मुक्ति विषय पर जागरूकता फैलाना था।

कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संस्था से पधारे आचार्य बीके राजीव मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराया और इसके उन्मूलन हेतु जागरूक समाज की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “आज के बच्चे ही कल के नागरिक हैं। यदि हम आज उनके भीतर आत्मचेतना और सद्विचारों का बीजारोपण कर सकें, तो आने वाला समाज स्वस्थ, उन्नत और संस्कारित होगा।”
बीके राजीव ने अपने संबोधन में विविध बोध कथाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को सरल शब्दों में जीवनोपयोगी मूल्य सिखाए। उन्होंने यह भी कहा कि हर प्राणी के भीतर ब्रह्म का अंश निहित होता है और यदि हम अपने भीतर के इस दिव्य तत्व को पहचान लें, तो जीवन में किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति सहज हो सकती है।
आत्मविश्वास और स्वाभिमान को जीवन की सफलता की कुंजी बताते हुए उन्होंने छात्रों को अपने अंतर्मन में छिपी शक्तियों को पहचानने और जगाने की प्रेरणा दी।

उन्होंने यह भी बताया कि नशा केवल व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करता है। इसलिए युवाओं को इस बुराई से दूर रहकर समाज के पुनर्निर्माण में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित छात्र-छात्राओं ने नशा उन्मूलन एवं सामाजिक जागरूकता में भागीदारी निभाने का संकल्प भी लिया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रशासनिक निदेशक एवं प्राचार्य किसलय रवि ने आचार्य बीके राजीव को प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया और उनके प्रेरणादायी विचारों के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल छात्रों में नैतिकता की भावना जागृत करते हैं, बल्कि उन्हें एक अच्छा इंसान बनने की राह भी दिखाते हैं।
कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों की सराहनीय भूमिका रही। इस आयोजन को सफल बनाने में रंजीत लामा, गौरव कुमार, कृष्ण गुप्ता, अर्जुन कुमार, मनीषा झा, सुबंती लामा, राजश्री, पप्पू कुमार एवं राकेश मिश्रा सहित अन्य सभी विद्यालय कर्मियों ने योगदान दिया।