



News Desk Purnea:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को बिहार दौरे पर आने वाले हैं। उनके दौरे से ठीक पहले बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़ा हमला बोला है। तेजस्वी यादव शनिवार देर रात (13 सितंबर) अचानक पूर्णिया स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) के औचक निरीक्षण पर पहुंचे। यहां उन्होंने मरीजों की दुर्दशा, संसाधनों की भारी कमी और गंदगी की तस्वीरें जनता के सामने रखीं।
अस्पताल की भयावह स्थिति उजागर
तेजस्वी यादव ने निरीक्षण के बाद रविवार सुबह एक वीडियो जारी कर सरकार को घेरा। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अस्पताल में कई मरीज जमीन और बरामदे में लेटे हुए हैं। कई बच्चों को बेड नसीब नहीं हुआ और उन्हें फर्श पर ही सोना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह दृश्य किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक अस्पताल का नहीं बल्कि एक मेडिकल कॉलेज का है।

तेजस्वी ने बताया कि—
- अस्पताल में ICU तक मौजूद नहीं है।
- ट्रॉमा सेंटर चालू नहीं है।
- कार्डियोलॉजी विभाग ही नहीं है।
- एक बेड पर तीन-तीन मरीजों को लिटाया जाता है।
- 15-20 दिन तक भी बेडशीट नहीं बदली जाती।
- विकलांग और हड्डी रोगियों के लिए शौचालय दो फीट ऊँचे हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी होती है।
- साफ-सफाई का हाल बेहद खराब है।
भारी पद रिक्त और सुविधाओं का अभाव
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि GMCH में नर्सों के स्वीकृत 255 पदों में से केवल 55 नर्स कार्यरत हैं, और वे भी तीन शिफ्टों में ड्यूटी करती हैं। यानी एक समय पर सिर्फ 18 नर्सें ही उपलब्ध रहती हैं। अस्पताल में 80% चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। मेडिकल कॉलेज में स्थायी ड्रेसर तक नहीं हैं और पूरे हॉस्पिटल में सिर्फ 4 OT सहायक काम कर रहे हैं। 23 विभागों में से कई विभाग बंद पड़े हैं।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि मेडिकल इंटर्न्स को पिछले 6 महीनों से वेतन नहीं मिला है। चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी, लैब टेक्नीशियन और अन्य आवश्यक स्टाफ की भारी कमी है, जिसके कारण प्रतिदिन लगभग 10,000 मरीज इलाज के लिए निजी अस्पतालों की ओर रुख करते हैं।
एनडीए सरकार पर करारा हमला
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार और उसके मंत्री केवल भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में लगे हैं। हजारों करोड़ रुपये खर्च कर इमारतें खड़ी कर दी जाती हैं, लेकिन डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति नहीं की जाती। स्वास्थ्य उपकरण खरीदे जाते हैं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए तकनीशियन की भर्ती नहीं होती।
पीएम मोदी और सीएम नीतीश को सीधी चुनौती
तेजस्वी ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आप जब पूर्णिया आ रहे हैं तो इस मेडिकल कॉलेज में जरूर आइए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी साथ लेकर आइए। अन्यथा वे यह कहकर पल्ला झाड़ लेंगे कि “2005 से पहले कुछ था क्या?”
तेजस्वी ने व्यंग्य करते हुए कहा, “कल प्रधानमंत्री मोदी जी जुमलों की बारिश करेंगे, लेकिन उन्हें अपनी ही डबल इंजन सरकार की 20 सालों की खामियां और विफलताएं दिखाई नहीं देंगी। बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और गरीबी सबकी जिम्मेदारी इनकी ही है। जनता इलाज के नाम पर लुट रही है और सरकार केवल दिखावे में व्यस्त है।”