कामेश्वर चौपाल का निधन: राम मंदिर आंदोलन के प्रथम कार सेवक को देश की श्रद्धांजलि, सुपौल में होगा अंतिम संस्कार

न्यूज डेस्क पटना:

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व बिहार विधान परिषद सदस्य कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में 6 फरवरी 2025 की रात 10:30 बजे अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), विश्व हिंदू परिषद (VHP) और संपूर्ण राम भक्त समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। कामेश्वर चौपाल की मृत्य की पुष्टि उनके बॉडीगार्ड राजकुमार ने की। उन्होंने कहा कि कामेश्वर चौपाल का दाह संस्कार शनिवार को उनके पैतृक गांव सुपौल जिले के कमरैल में होगी।

राम मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका

कामेश्वर चौपाल का नाम अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन से गहराई से जुड़ा रहा है। वे 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले पहले कार सेवक थे। इस ऐतिहासिक क्षण में उनकी भूमिका के कारण उन्हें संघ परिवार और हिंदू समाज में विशेष दर्जा प्राप्त था। RSS ने उन्हें “प्रथम कार सेवक” की उपाधि दी थी।

राजनीतिक सफर और सामाजिक योगदान

बिहार से आने वाले कामेश्वर चौपाल का सामाजिक और राजनीतिक जीवन संघर्षों से भरा रहा। वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य भी रहे और बिहार विधान परिषद के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दीं। समाज सेवा और हिंदुत्व के प्रचार-प्रसार में वे हमेशा सक्रिय रहे। वे दलित समुदाय से आते थे और हिंदू समाज में समरसता लाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे।

देशभर में शोक की लहर

उनके निधन की खबर से अयोध्या सहित पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। कोसी क्षेत्र समेत बिहार और देशभर में उनके समर्थकों और अनुयायियों ने इस घटना को अपूरणीय क्षति बताया है। उनके योगदान को याद करते हुए RSS, BJP और विभिन्न हिंदू संगठनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।

कामेश्वर चौपाल का जीवन समर्पण और संघर्ष का प्रतीक था। उनका जाना हिंदू समाज और राष्ट्रवादी विचारधारा के लिए बड़ी क्षति है।

Leave a Comment