



रिपोर्ट: राहुल पराशर|अररिया
जन सुराज अभियान के प्रशांत किशोर गुरुवार को नेताजी सुभाष स्टेडियम अररिया में पहुंचे। जहां उनके निशाने पर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों रहे। साथ ही उन्होंने भाजपा नेता सम्राट चौधरी समेत अन्य को भी आड़े हाथों लिया। प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री के स्कॉटलैंड यात्रा को लेकर भी सवाल खड़ा किया। साथ ही जातिगत जनगणना पर कहा कि ये नीतीश कुमार का प्रयास था कि एक बार इसका राजनीतिकरण करके इसका फायदा उठाया जाए। जबकि पहले दिन से कह रहा हूं इसका कोई राजनीतिक फायदा नहीं मिलेगा। इसका प्रमाण ये है जो नीतीश कुमार जातिगत जनगणना कराकर प्रधानमंत्री बनने गए थे वो फिर भाजपा में शामिल हो गए। अगर, जातिगत सर्वे का चुनावी फायदा होता तो नीतीश बाबू भाजपा में शामिल नहीं होते। जातिगत जनगणना पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जातिगत सर्वे जो बिहार में हुआ वो क्या दिखाता है? जिन जाति-समूहों के पिछड़ा होने की बात पिछले 40-50 साल में कही जा रही है उन जातिगत समूहों की आर्थिक-सामाजिक, शैक्षणिक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। मतलब नीतीश कुमार, लालू यादव ने जमीन पर पड़े हुए कीचड़ को अपने मुंह पर लगा लिया है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि अब सवाल ये होना चाहिए कि 30-32 साल से जिन जाति-समूहों के नाम पर राजनीति की गई, उनकी स्थिति तो बदली नहीं। मतलब इतने दिनों से आप बेवकूफ बना रहे थे। आखिर ये हकमारी किसने की। उन्होंने कहा कि जब सरकार बनती है तो जितने बड़े विभाग हैं उसपर तेजस्वी यादव रहते हैं, नीतीश कुमार रहते हैं। 18 साल में नीतीश कुमार ने गृह मंत्रालय नहीं छोड़ा। लालू यादव 15 साल, 16 साल सत्ता में रहे किसी मुसलमान को गृह मंत्री, पथ निर्माण मंत्री, शिक्षा मंत्री नहीं बनाया। ये तो बेवकूफ बनाकर वोट लेने की बात है। जातिगत सर्वे कराकर इन्होंने ये दिखाया, उपर वाले ने इनसे इनके हाथ से ये करवा दिखा कि तुमने इन समाज के लोगों का एक्सप्लोइटेशन किया, इनको बेवकूफ बनाया, इनके लिए किया कुछ नहीं। इसलिए आपने देखा कि जातिगत सर्वे के आंकड़े आने के बाद समाज में राजनीतिक-सामाजिक कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखी। लोग शून्य हैं, लोगों को मालूम है कि उन्हें बेवकूफ बनाने का काम किया गया।
प्रशांत किशोर ने अररिया में नेताजी सुभाष स्टेडियम में जन सभा को संबोधित करने के साथ जिले के प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक भी की।