न्यूज डेस्क सुपौल:
विभिन्न कारनामों को लेकर चर्चा में रहने वाला रेफरल अस्पताल राघोपुर फिर एक बार चर्चे में आ गया है। दरअसल, इस बार अस्पताल के कर्मी ने ही अस्पताल के कुव्यवस्था को उजागर किया है। इस संबंध में उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी राघोपुर तथा सिविल सर्जन सुपौल को आवेदन देकर मामले में उचित कार्यवाही का मांग किया है। हालांकि यह आवेदन गत 21 मई को ही दिया गया, लेकिन आरोपी कर्मियों का रसूख इस कदर हावी है कि आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मामले में मिली जानकारी अनुसार अस्पताल में पदस्थापित स्थापना के लिपिक चंद्रेश गुप्ता ने रेफरल अस्पताल राघोपुर में पदस्थापित मेडिकल भान चालक जीतन राम और निम्न वर्गीय लिपिक विनोद राय के विरुद्ध दिए आवेदन में बताया है कि रेफरल अस्पताल राघोपुर में पदस्थापित एएनएम सुखवती बड़ाइक बीते 10 मई से 20 मई तक लगातार 11 दिन बिना सूचना अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रही। उसका खुलासा तब हुआ, जब दूसरे एएनएम के द्वारा स्वीकृत छुट्टी को लेकर उपस्थिति पंजी का अवलोकन किया गया। वहीं बिना सूचना अनुपस्थित रहने के कारण सुखवती बड़ाइक की हाजरी काट दिया गया। हाजरी काटने की जानकारी पर मेडिकल भान चालक जीतन राम स्थापना लिपिक के कक्ष में पहुंचकर आक्रामक मुद्रा में अमर्यादित शब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि सुखवती बड़ाइक का हाजरी क्यों काटा गया। इसी क्रम में जीतन राम ने निम्न वर्गीय लिपिक विनोद कुमार राय को बुलाकर दोनों मिलकर धमकी देते हुए कहा कि हाजरी तो काट दिया लेकिन उस अवधि का उसका वेतन काटकर दिखाना तब दिखा देंगे। कहासुनी के बाद उक्त दोनों कर्मी ने अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ राहुल झा के कक्ष में भी पहुंचकर उसके साथ अमर्यादित शब्द का प्रयोग करते हुए उन्हें धमकी देते हुए उनके कक्ष में हंगामा कर कुछ देर के लिए अस्पताल का शांति व्यवस्था भंग कर दिया।
एएनएम सुखवती बड़ाइक बिना सूचना के रहती है अस्पताल से गायब
लिपिक ने आवेदन में कहा है कि एएनएम सुखवती बड़ाइक प्रत्येक महीने अपने घर झारखंड चली जाती है, जिसके बाद वह 15 दिन तक बिना किसी सूचना के गायब रहती है और आने पर सभी अनुपस्थित अवधि का उपस्थिति भी उपस्थिति पंजी में दर्ज कर देती है। उनके द्वारा इस तरह के कृत्य में जीतन राम के द्वारा पूरा सहयोग किया जाता है। आवेदन में कहा गया है कि एएनएम सुखवती बड़ाइक, निम्न वर्गीय वर्गीय लिपिक विनोद कुमार राय, और चालक जीतन राम अस्पताल परिसर में ही सरकारी भवन में वर्षो से रहता है फिर भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा लगातार उनलोगों को आवास किराया भत्ता भुगतान किया जा रहा है। लेकिन बीते मार्च महीना से उसके आवास भत्ता पर रोक लगा दिया गया है। कहा है कि अस्पताल में विधि व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए इनदोनो की जुगलबंदी से व्याप्त अराजकता एवं इनके मनमाने आचरण पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
उक्त घटना को लेकर डॉ राहुल झा ने बताया कि जिस दिन इस तरह का मामला हुआ था, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के छुट्टी पर रहने के कारण उस दिन वही प्रभार में थे। बताया कि जीतन राम और विनोद कुमार राय के द्वारा उस दिन अस्पताल परिसर में जिस तरह का हंगामा खड़ा किया गया था, वह काफी निंदनीय है। बताया कि उनदोनों कर्मी ने उनके साथ भी अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया। कहा कि इस अस्पताल का विधि व्यवस्था इतना खराब हो गया है कि इस पद से त्यागपत्र देने का मन कर रहा है।