



न्यूज़ डेस्क:
Bihar Floor Test: बिहार में विश्वास मत के लिए 15 घंटे से भी कम समय बचा है। बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में सोमवार यानी 12 फरवरी को महागठबंधन का साथ छोड़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली NDA के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar), को बहुमत साबित करना है। फ्लोर टेस्ट के एक दिन पहले रविवार को बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। बिहार विधानसभा ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि नवगठित सरकार के 12 फरवरी को विश्वास मत हासिल करने से पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय NDA द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना होगा।
बिहार में सत्तारूढ़ JDU के लिए चिंता का विषय यह है कि उसके 3 विधायक रविवार शाम को सीएम नीतीश कुमार की तरफ से पटना में बुलाई गई विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक में फिर से शामिल नहीं हुए। इससे पहले 6 विधायक शनिवार को मंत्री श्रवण कुमार के घर पर लंच में शामिल नहीं हुए थे।
इधर, इससे पहले बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है। आरजेडी और जेडीयू की ओर से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने विधायकों को अपने-अपने खेमे में बांधने की कोशिश कर रहे हैं। आरजेडी के विधायक जहां तेजस्वी यादव के सरकारी बंगले पर ठहरे हुए हैं, वहीं, बीजेपी के सभी विधायकों को पटना के होटल पाटलिपुत्र एग्जोटिका में शिफ्ट किया गया है। उधर, जेडीयू ने अपने विधायकों को चाणक्य होटल में रुकने के लिए कहा है।
उधर, जीतनराम मांझी का फोन भी रात 10 बजे के आसपास स्विच ऑफ हो गया। उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। वहीं, बीजेपी नेता नित्यानंद राय जीतनराम मांझी के आवास पर पहुंचे। एक ओर जहां आरजेडी ने दावा किया है कि बहुमत परीक्षण से पहले खेला होगा, वहीं कांग्रेस दावा कर रही है नीतीश सरकार गिरेगी।
जाने सीटों का गणित
बिहार में सत्तारूढ़ NDA में नीतीश कुमार की JDU, भारतीय जनता पार्टी (BJP), पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा-सेक्युलर (HAM-S) और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं, जिनकी कुल संख्या 128 है। वहीं, विपक्षी ‘महागठबंधन’ के 114 विधायक हैं, जिनमें RJD, कांग्रेस और 3 वाम दलों के विधायक शामिल हैं। बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से JDU के पास 45 विधायक हैं। जबकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास 79 विधायक हैं।