



न्यूज डेस्क:
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन के भव्य दरबार हॉल में आयोजित वर्ष 2025 के दूसरे नागरिक अलंकरण समारोह में देश की 17 प्रतिष्ठित हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। इन पुरस्कारों में कला, साहित्य, समाज सेवा, विज्ञान, शिक्षा और चिकित्सा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विभूतियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री अलंकरण प्रदान किए गए।
समारोह का सबसे भावनात्मक क्षण उस समय आया, जब प्रख्यात लोकगायिका शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी स्मृति में उनके पुत्र अंशुमान सिन्हा ने ग्रहण किया। मंच पर आते हुए अंशुमान भावुक हो उठे, जिससे पूरे समारोह स्थल का वातावरण संवेदनाओं से भर गया। उपस्थित जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट से दिवंगत कलाकार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शारदा सिन्हा को यह सम्मान भारतीय लोक संगीत, विशेष रूप से बिहार की लोक परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। वे छठ, विवाह और पारंपरिक त्योहारों से जुड़े लोकगीतों की एक सशक्त आवाज थीं। उनके प्रसिद्ध गीत — “परदेसिया,” “कांच ही बांस के बहंगिया,” और “पावन छठी माई उग हे सूरज देव” — आज भी देशभर में लोक संस्कृति के प्रतीक बने हुए हैं।
बिहार की शान और ‘बिहार कोकिला’ के नाम से प्रसिद्ध शारदा सिन्हा का जन्म सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था। वह मैथिली, भोजपुरी और मगही लोकगीतों की एक जानी-पहचानी आवाज थीं। इससे पूर्व उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। 72 वर्ष की उम्र में उनका निधन बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत देशभर में उनके लाखों प्रशंसकों के लिए एक गहरा आघात था।
समारोह के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई देते हुए कहा,
“पद्म पुरस्कार केवल भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक समृद्धि का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि यह देश के प्रति सेवा और समर्पण की भावना का भी सम्मान हैं।”
इस वर्ष शारदा सिन्हा के अलावा समाज सेवा, आदिवासी कल्याण, विज्ञान, चिकित्सा, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कई अन्य विभूतियों को भी पद्म पुरस्कारों से नवाजा गया।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, कई वरिष्ठ मंत्रीगण, अधिकारी और देश-विदेश से आए गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। समारोह का माहौल पारंपरिक भारतीय संगीत की सजीव प्रस्तुति से और भी गरिमामय और भावपूर्ण बन गया।