बिहार में संशोधित वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी, 65 लाख मतदाता सूची से बाहर; SIR पर गरमाई सियासत, विपक्ष ने बताया ‘छुपा हुआ NRC’

न्यूज डेस्क पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में मतदाता सूची को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया के बाद 1 अगस्त को संशोधित वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इस सूची को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को डिजिटल और फिजिकल रूप में सौंप दिया गया है। आयोग ने दोपहर 3 बजे अपनी आधिकारिक वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर भी सूची सार्वजनिक कर दी है, जिससे आम मतदाता भी अब अपना नाम देख सकते हैं।

7.89 करोड़ में से 65 लाख वोटर ड्राफ्ट में शामिल नहीं

चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार में कुल 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 7.24 करोड़ ने गणना फॉर्म भरकर SIR प्रक्रिया में हिस्सा लिया, जबकि करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम इस मसौदा सूची से गायब हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि नाम हटाए जाने के प्रमुख कारणों में मृत्यु, स्थायी स्थानांतरण, या एक से अधिक स्थानों पर पंजीकरण शामिल हैं।

दावे-आपत्तियों का मौका: 1 अगस्त से 1 सितंबर तक

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि अब 1 अगस्त से 1 सितंबर, 2025 तक सभी मतदाता और राजनीतिक दल अपने दावे व आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। इस दौरान नाम जोड़ने, हटाने या विवरण में सुधार के लिए फॉर्म 6 व अन्य निर्धारित फॉर्म के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। इसके बाद 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

युवा मतदाताओं के लिए विशेष अभियान

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि जो युवा 1 जुलाई, 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं या 1 अक्टूबर, 2025 तक 18 साल के हो जाएंगे, वे फॉर्म 6 के माध्यम से आवेदन देकर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकते हैं। उनके लिए पूरे बिहार में 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच विशेष पंजीकरण अभियान चलाया जाएगा।

SIR प्रक्रिया पर विपक्ष का विरोध, संसद में हंगामा

हालांकि, SIR प्रक्रिया पर राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी INDIA गठबंधन में शामिल दलों ने इसे “छुपा हुआ NRC” बताते हुए विरोध दर्ज कराया है। शुक्रवार को संसद परिसर में सुबह 10.30 बजे कांग्रेस की प्रियंका गांधी, डीएमके के ए. राजा, राजद की मीसा भारती समेत कई विपक्षी नेताओं ने प्लेकार्ड और पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। इन पर लिखा था:

“SIR लोकतंत्र पर वार”

लोकसभा में भी इस मुद्दे को लेकर भारी हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी और तख्तियां लहराकर सदन की कार्यवाही को बाधित किया। स्पीकर ओम बिड़ला ने शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन हंगामा न थमने पर दोपहर 2 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

क्या है SIR और क्यों हो रहा विरोध

SIR (Special Intensive Revision) दरअसल एक विशेष प्रक्रिया है, जिसके तहत मतदाता सूची को दोबारा पूरी तरह जांचा-परखा जाता है। चुनाव आयोग के मुताबिक, यह प्रक्रिया बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू की जाएगी। वहीं, विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता के बजाय मतदाता सूची से चुनिंदा समूहों को हटाने की एक सोची-समझी रणनीति है।
बिहार के कई इलाकों से इस प्रक्रिया में भेदभाव और विसंगतियों की शिकायतें भी सामने आई हैं, जिसे लेकर मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है।

अब क्या करें मतदाता?

  • ड्राफ्ट वोटर लिस्ट देखने के लिए जाएं: https://voters.eci.gov.in
  • नाम न होने पर फॉर्म 6, फॉर्म 7, या फॉर्म 8 के माध्यम से दावा या आपत्ति दर्ज करें
  • 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच BLO या ERO से संपर्क कर सकते हैं
  • ऑनलाइन फॉर्म भी पोर्टल या वोटर हेल्पलाइन ऐप के माध्यम से जमा किया जा सकता है

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